कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: AI)
Differences Within The Naxalites: महाराष्ट्र के गड़चिरोली में अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले दुर्दांत नक्सली मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने बड़ा खुलासा किया है। उसने बताया कि नक्सलियों में मतभेद बढ़ गये हैं और इसमें शामिल कई लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं।
भूपति (70) ने बुधवार को गड़चिरोली में 60 अन्य नक्सलियों के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भाकपा (माओवादी) नेता ने अधिकारियों को बताया कि नक्सली आंदोलन में गंभीर वैचारिक मतभेद हैं। भूपति को सोनू नाम से भी जाना जाता है।
अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों में दो गुट उभरे हैं। एक सोनू, सतीश और राजमन मंडावी के नेतृत्व में, जो शांति वार्ता के पक्ष में हैं। वहीं, दूसरे का नेतृत्व देवजी, हिडमा और प्रभाकर कर रहे हैं जो शांति वार्ता के विरोध में हैं। भाकपा (माओवादी) पार्टी के भीतर काफी मतभेद है।
सुरक्षा बलों के दबाव के बाद, सोनू ने सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने की वकालत की। हालांकि, तेलंगाना में संगठन के अन्य प्रमुख तेलुगु नेता सशस्त्र अभियान जारी रखने पर जोर दे रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि सोनू से अब तक मिली जानकारी से पता चला है कि उसका मानना है कि भारी नुकसान और लोगों से अलगाव के कारण एक लंबा जन युद्ध टिकाऊ नहीं है।
नक्सली संगठन 2011 से कठिन दौर से गुजर रहा है और पिछले पांच साल में हालात और भी बदतर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि सोनू ने दावा किया है कि तेलंगाना में कुछ ‘‘गोदी माओवादियों” को सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
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सोनू को एफआरए (वन अधिकार अधिनियम), ‘पेसा’ पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम और भूमि पट्टों (भूमि स्वामित्व दस्तावेज या स्वामित्व विलेख) के वितरण जैसी सरकारी नीतियों का समर्थन करने के लिए सुधारवादी माना जाता है।
अधिकारी ने बताया कि अब तक उपलब्ध सूचना के अनुसार, तेलंगाना के 70 से अधिक कैडर अब भी भाकपा (माओवादी) से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि 12 में से 8 केंद्रीय समिति के सदस्य भी उस राज्य से हैं।
नक्सली भूपति ने सीएम फडणवीस के समक्ष आत्मसमर्पण करते हुए 7 एके 47 और 9 इंसास राइफलों सहित 54 हथियार सौंप दिए। भूपति पर 6 राज्यों कुल 6 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इस पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा ने इनाम रखा था।
(एजेंसी नइपुट के साथ)