संजय राउत (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sanjay Raut Allegations Against Maharashtra Government: शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र की राजनीति और चुनावी प्रक्रियाओं को लेकर राज्य सरकार तथा केंद्र पर तीखे सवाल उठाए हैं। राउत ने मांग की है कि जिस तरह गुजरात में सभी कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, उसी तरह का कदम महाराष्ट्र में भी उठाया जाना चाहिए।
संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि राज्य में आधे से ज्यादा मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उनके अनुसार, इन मंत्रियों को पद से इसलिए नहीं हटाया जाता क्योंकि यहां से बैग भरकर पैसा दिल्ली पहुंचाया जाता है।
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार दिल्ली से बैठकर गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों को नियंत्रित कर रहे हैं। राउत ने अपने बयान में जोर दिया कि भ्रष्ट मंत्रियों को हटाना स्थानीय प्रशासन और जनता के हित के लिए जरूरी है।
उनका मानना है कि ऐसा करने से राज्य में ईमानदार और जवाबदेह शासन सुनिश्चित किया जा सकेगा। राउत ने टिप्पणी की कि यदि राज्य के स्थानीय नेताओं ने ईमानदारी से काम किया होता, तो यह कदम (मंत्रियों को हटाने का) पहले ही उठाया जाना चाहिए था।
भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ ही, राउत ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने जानकारी दी कि मुंबई नगर निगम और ठाणे में चुनाव के लिए तैयार की गई सूची में कई समस्याएं हैं।
VIDEO | Mumbai: Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut (@rautsanjay61) says, “All party delegation met with the Chief Election Officer over irregularities in Maharashtra voter list. In the local body elections, especially in Mumbai Municipal Corporation and Thane, there are issues with… pic.twitter.com/xYt3bySkMb — Press Trust of India (@PTI_News) October 17, 2025
इन समस्याओं में डुप्लीकेट नाम, गलत तरीके से नाम जोड़ना या हटाना शामिल है, जिसके कारण बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं और जिम्मेदारी स्पष्ट नहीं है।
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संजय राउत ने स्पष्ट किया कि जब तक इस सूची को सुधारा नहीं जाता, तब तक चुनाव आयोजित करना लोकतंत्र का मजाक बनाने जैसा होगा। उन्होंने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया और स्पष्ट किया कि चुनाव की प्रक्रिया साफ और पारदर्शी होनी चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संजय राउत की ये टिप्पणियां न केवल भ्रष्टाचार और सत्ता हस्तक्षेप के मुद्दे पर केंद्रित हैं, बल्कि आगामी चुनावों को लेकर संदेश और चेतावनी का रूप भी ले रही हैं। राउत ने लोकतंत्र की रक्षा और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है।