
जंगली जानवर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Hunting Of Wild Animals In Gadchiroli: घने जंगलों के जिले के रूप में प्रसिद्ध गड़चिरोली में जंगली पशुओं की संख्या अधिक है, लेकिन इसकी तुलना में वन्यजीवों का शिकार भी काफी बढ़ गया है। विशेष रूप से जिले के चामोर्शी और मूलचेरा तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली पशुओं के शिकार के मामले इन दिनों काफी बढ़ गए हैं।
चामोर्शी तहसील भौगोलिक रूप से काफी बड़ी है और यह ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों में फैली हुई है। यह तहसील पूरी तरह से जंगल से घिरी हुई है, जिसके कारण यहां विभिन्न प्रजाति के जंगली पशुओं की संख्या भी अधिक है। पिछले कुछ वर्षों से, इसी तहसील में अवैध तरीके से जंगली पशुओं का शिकार करने के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
वर्तमान स्थिति में, इन ग्रामीण क्षेत्रों में शिकारी रात के समय जंगली पशुओं का शिकार करने के लिए तालाब और खेत परिसर में जाल बिछाते हैं। शिकार करने के लिए वे एक खतरनाक तरीका अपना रहे हैं: वे रात के समय क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद कर देते हैं।
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जंगली पशु आमतौर पर तालाब परिसर में पानी पीने अथवा खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आते हैं, और इसी दौरान वे शिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस जाते हैं। जाल में फंसने के साथ ही, उनकी करंट लगने से मृत्यु हो जाती है। इस तरह चामोर्शी तहसील के ग्रामीण और दुर्गम अंचल में जंगली पशुओं का शिकार किया जा रहा है।
वन्यजीव प्रेमियों द्वारा कहा जा रहा है कि इस ओर वन विभाग और बिजली विभाग की अनदेखी की जा रही है। हालांकि, चामोर्शी तहसील में वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अवैध तरीके से वन्यजीवों का शिकार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और अब तक अनेक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसके बावजूद, इस तहसील में पशुओं का शिकार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि जंगली पशुओं का शिकार रोकने के लिए शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कारगर उपायोजना करने की बेहद आवश्यकता है। वनविभाग को इस मामले की ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही, वन विभाग को रात के समय गश्त बढ़ाने की भी आवश्यकता है।






