ढिवर-भोई व तत्सम जमाती संगठन ने सौंपा ज्ञापन (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli News: आदिवासी बहुल जिले में जिलास्तरीय गट-क एवं गट-ड संवर्ग की पदों के लिए सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग (SEBC) आरक्षण के साथ सुधारित आरक्षण व बिंदू नामावली लागू करते समय जिले में बड़ी संख्या में मौजूद पारंपरिक मछुआरे, ढिवर, भोई, केवट, कहार, बेस्ता, ओडेवार इत्यादि भटक्या जमाती (ब) का आरक्षण घटाया गया है।
इस आरक्षण को सरकार ने तत्काल पूर्ववत करें, अन्यथा गडचिरोली जिला ढिवर-भोई, केवट व तत्सम जमाती संगठन की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकालकर तीव्र आंदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी दी गई है। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भिजवाये ज्ञापन में कहा कि सरकारी निर्णय के अनुसार जिले में जिलास्तरीय गट-क एवं गट-ड संवर्ग की पदों के लिए भटक्या जमाती (ब) का आरक्षण 2.5 प्रश से घटाकर 2 प्रश कर दिया गया है।
जबकि 1931 के बाद राज्य में जातिवार जनगणना नहीं हुई है। बावजूद इसके भटक्या जमाती की जनसंख्या कम मानकर आरक्षण घटाना अन्यायपूर्ण है। जिले के लगभग हर गांव में पारंपरिक मछुआरे समाज की स्वतंत्र बस्तियां मौजूद हैं। और उनकी जनसंख्या माडिया-गोंड, कुणबी-तेली, बौद्ध-महार समाज के बराबर है।
संगठन ने आरोप लगाया कि पहले से ही शिक्षा और रोजगार में पिछड़े हमारे समाज की वर्षों से 5 फीसदी आरक्षण की मांग प्रलंबित है, लेकिन इसके विपरीत आरक्षण घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया। पारंपरिक मछुआरी पर निर्भर ढिवर, भोई, केवट, कहार, बेस्ता, ओडेवार इत्यादि समाज गरीब और पिछड़ा है, इसलिए उनके लिए आरक्षण बेहद आवश्यक है। संगठन ने मांग की कि आरक्षण पुनः 2.5 प्रश किया जाए और जनसंख्या के अनुपात में ढिवर-भोई, केवट, कहार, बेस्ता, ओडेवार समाज को अलग से 5 प्रश आरक्षण दिया जाए।
पूर्व विदर्भ में बड़ी संख्या में मौजूद पारंपरिक मछुआरे समाज का अध्ययन एवं विकास योजनाओं के लिए जतिरामजी बर्वे पारंपारिक मच्छीमार संशोधन संस्था की स्थापना कर 2000 करोड़ रुपये का निधि उपलब्ध कराने, इसके अलावा रेणके आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर तत्काल लागू करने की मांग भी की गई है।
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ज्ञापन सौंपते समय गड़चिरोली जिला ढिवर-भोई व तत्सम जमाती संगठन के जिलाध्यक्ष प्रा. भाग्यवान मेश्राम, कार्याध्यक्ष सुनील बावणे, जिला सचिव किशोर बावणे, संयोजक क्रीष्णा मंचर्लावार, सल्लागार रामदास जराते, फुलचंद वाघाडे, राजेंद्र मेश्राम, शारदा जराते, साधना मेश्राम, सुषमा जराते, यामिना भोयर, रत्नमाला जराते, शोभा जराते सहित बड़ी संख्या में समाजबांधव उपस्थित थे।