धाराशिव के परिवार ने बताई आपबीती (सौजन्य-एएनआई)
धाराशिव: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में 26 भारतीयों की जान चली गई। इस हमले में मारे गए लोगों में 6 लोग महाराष्ट्र से थे। महाराष्ट्र सरकार इस समय सभी पर्यटकों को वापस ला रही है और सभी की सुरक्षा का ध्यान रख रही है। इस दौरान पहलगाम में धाराशिव का परिवार भी फंसा हुआ था, जिसने अपनी आपबीती सुनाई।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में महाराष्ट्र के छह लोगों की जान गई है। धाराशिव जिले के 2 परिवार इस घटना स्थल से महज 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर थे। इन पर्यटकों ने बताया कि जब हमला हुआ, हम वहां से 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर थे।
धाराशिव के परिवार ने बताया हमारे ड्राइवर ने बताया कि कुछ गड़बड़ हुई है, हमें तुरंत वहां से निकलना चाहिए। सुबह से हम देख रहे थे कि माहौल पूरी तरह शांत और सकारात्मक था। स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान कहीं भी आतंक का डर नहीं लगा। लेकिन अचानक जो कायरतापूर्ण हमला हुआ, उसने हमें हिला दिया। लौटते समय हमने देखा कि सेना ने पूरे इलाके को अपने नियंत्रण में ले लिया था।
बड़ी संख्या में एम्बुलेंस दौड़ रही थीं, जिससे हमें बड़ी घटना होने का अंदेशा हुआ। इस मुश्किल घड़ी में इंसानियत की मिसाल बने मजीद खान नाम के ड्राइवर ने हमें ढांढस बंधाया। उसने हमें हिम्मत दी। उसने कहा, ‘अगर आप लोगों को होटल में डर लग रहा हो तो मेरे घर चलिए।’ उसका यह व्यवहार हमारे लिए बहुत सहारा देने वाला था। इससे साबित होता है कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता।’
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उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा जून-जुलाई में शुरू होती है, और पहलगाम उसका मुख्य प्रवेश द्वार है। इसलिए लगता है कि ये हमला यात्रा को रोकने की साजिश हो सकती है। इस घटना के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इन परिवारों से संपर्क किया और कहा, ‘अगर कोई दिक्कत हो तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से संपर्क करें, उन्हें मैंने मदद के लिए कहा है। पूरा देश इस हमले की कड़ी निंदा कर रहा है और नागरिकों में भारी आक्रोश है। उम्मीद है कि सरकार इस हमले का सख्त जवाब देगी।