राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (pic credit; social media)
Face Attendance: सरकारी विभाग चाहे कोई भी हो ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा समीप के शहरी क्षेत्र से अप-डाउन ही किया जाता है। 90 फीसदी कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र में रहते ही नहीं। खासकर गांवों में जिनकी ड्यूटी है उनका तो कार्यालय आने-जाने का समय तक निश्चित नहीं है। कार्यालय शुरू होने के बाद घंटों लेट आना और बंद होने के 1-2 घंटे पूर्व शहर रवाना हो जाने का खेल तो अबाध जारी है। ऐसे में ग्रामीण भागों की जनता के कार्य साहब के नहीं मिल पाने के कारण नहीं हो पाते।
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस सिस्टम को लाइन पर लाने के लिए तगड़ा हंटर चलाया है। उन्होंने अपने विभाग के सारे कर्मचारियों को फेस ऐप जियो और फेस सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। मतलब अब राजस्व विभाग के सभी छोटे-बड़े कर्मचारियों की हाजिरी ‘फेस’ यानि उनके चेहरे के माध्यम से होगी। उन्हें अपने कार्यालय में उपस्थित होकर चेहरा दिखाकर ही हाजिरी लगाना होगा अन्यथा वेतन नहीं मिलेगा।
बावनकुले के इस कड़े फैसले से अब पूरे राज्यभर में ग्रामीण व शहरी जनता को बड़ी राहत मिलेगी। सारे एसडीओ, पटवारी, अन्य कर्मचारी मुख्यालय में सुबह कार्यालय खुलने के वक्त जरूर नजर आएंगे। नागरिक इसे मंत्री महोदय का ऐतिहासिक फैसला बताकर खुशी जता रहे हैं। साथ ही वे यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि इस नई प्रणाली से कर्मचारियों के कार्य करने के तरीके में भी बदलाव नजर आएगा।
अब तक तो मिटिंग, दौरे के नाम पर विभाग के एसडीओ, पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, भूमापन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी आदि कार्यालय से ही नदारद रहा करते थे। इन्हें ढूंढना भी टेढ़ी खीर हुआ करती थी। राजस्व विभाग के मुखिया जिलाधिकारी के पास सारे विभागों की जिम्मेदारी के चलते निरीक्षण का भी समय नहीं होता। जिसका फायदा भी ये उठाते रहे हैं।
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बावनकुले ने बताया कि प्रशासन में गतिशीलता, पारदर्शिता और लोकाभिमुखता लाने के लिए उन्होंने विविध विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करनी शुरू की है। फेस एप जियो फेस सिस्टम राजस्व विभाग के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया जा रहा है। कर्मचारियों को उनके कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करने के लिए इस सिस्टम का उपयोग होगा। इससे दौरे या शहर में बैठकों के नाम से कंची मारने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
यह नियम अगस्त महीने से लागू हो जाएगा जिसका वेतन सिंतबर में पे होगा। जो कर्मचारी फेस ऐप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगी उन्हें ही वेतन का भुगतान किया जाएगा। जो सिस्टम के अनुसार हाजिरी दर्ज नहीं करवाएंगे उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। इस संदर्भ में स्पष्ट नियमावली व जीआर सरकार जल्द जारी करेगी। कर्मचारियों को उक्त ऐप मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा।
मोबाइल क्रमांक, कर्मचारी आईडी व कार्यालय की जानकारी भरना होगा। ओटीपी वेरिफिकेशन करने के बाद खाता सक्रिय होगा। फेस रजिस्ट्रशन मतलब फेस स्कैन एक बार ही करना जरूरी होगा। सुबह हाजिरी लगाने के लिए कर्मचारी का चेहरा स्कैन किया जाएगा, जियो फेन्सिंग सिस्टम से मोबाईल के जीपीएस द्वारा कर्मचारी का लोकेशन उसके कार्यालय में है या नहीं यह सुनिश्चित किया जाएगा।
अगर 100 मीटर के दायरे में उपस्थिति है तो हाजिरी लगाई जाएगी। जिला स्तर पर प्रशासन हाजिरी रिपोर्ट डाउनलोड करेगा। उस डेटा का उपयोग कर वेतन बनाया जाएगा। चेहरा व स्थान डेटा केवल हाजिरी के लिए ही उपयोग किया जाएगा।