भारत में मोबाइल प्रोडक्शन (सौ. सोशल मीडिया )
Mobile Production In India: भारत सरकार ने मंगलवार को मोबाइल प्रोडक्शन को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की है। सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि वित्त वर्ष 2020-21 से साल 2024 तक भारत के मोबाइल प्रोडक्शन में लगभग 146 परसेंट की बढ़त दर्ज की गई है।
भारत का मोबाइल प्रोडक्शन जो वित्त वर्ष 2020-21 में 2,13,773 करोड़ रुपये था, वो अब वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 5,25,000 करोड़ रुपये तक हो गया है। साथ ही ये भी जानकारी मिली है कि इन 4 सालों में मोबाइल फोन के एक्सपोर्ट में भी करीब 775 परसेंट का उछाल देखने के लिए मिला है, जो अब बढ़कर 2,00,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में ये आंकड़ा 22,870 करोड़ रुपये था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी पीएलआई और नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी योजनाओं ने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया है, जिससे प्रोडक्शन में बढ़त हुई है। साथ ही एम्पॉलयमेंट जनरेशन और एक्सपोर्ट में भी उछाल देखने को मिला है।
पीएलआई स्कीम ने प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियों को अपना उत्पादन अन्य देशों से भारत में शिफ्ट करने के लिए आकर्षित किया है। जिसका रिजल्ट ये रहा कि भारत एक प्रमुख मोबाइल फोन निर्माता देश बन गया है।
पीएलआई स्कीम के कारण, फार्मा सेक्टर में कच्चे माल के इंपोर्ट में भी बड़ी कमी आई है। पेनिसिलिन-जी सहित यूनिक इंटरमीडिएट मटेरियल और थोक दवाओं का प्रोडक्शन भारत में किया जा रहा है और मेडिकल इक्विप्मेंट जैसे कि सीटी स्कैन, एमआरआई आदि के निर्माण में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हुआ है।
व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई स्कीम का उद्देश्य भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट इंडस्ट्री के लिए एक मजबूत कंपोनेंट इकोसिस्टम विकसित करना है, जिसका टारगेट देश को ग्लोबल सप्लाई चेन का एक अभिन्न अंग बनाना है।
इसके शुभारंभ के बाद, भारत ने एयर कंडीशनर के लिए कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब, हीट एक्सचेंजर, मोटर और कंट्रोल असेंबली जैसे प्रमुख कंपोनेंट के साथ-साथ एलईडी चिप पैकेजिंग, इंजन, ड्राइवर, लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और एलईडी सेगमेंट में कैपेसिटर के लिए मेटलाइज्ड फिल्म का लोकल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि इस बदलाव से इंपोेर्ट पर निर्भरता में काफी कमी आ रही है और डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी मजबूत हो रही हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, सरकार ने मेक इन इंडिया 2.0 पहल भी शुरू की है, जो वर्तमान में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों द्वारा कार्यान्वित 27 क्षेत्रों पर केंद्रित है।
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उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग इंवेस्टमेंट को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम यानी एनआईसीडीपी के अंतर्गत 28,602 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 12 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)