वोट चोरी : पुलिस को EC का असहयोग (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur District: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उल्लेखित जिले के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में उजागर वोटों की चोरी के मामले में पुलिस ने मामला तो दर्ज किया है, लेकिन इस मामले की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है। इस मामले में चुनाव आयोग से संबंधित स्थानीय अधिकारी असहयोग कर रहे है, जिससे मामला दर्ज होने के 9 माह बाद भी इस वोट चोरी को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड अब भी गिरफ्त से बाहर है। जिले के राजुरा विधानसभा में हजारों की तादाद में बाहरी मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किए जाने की शिकायत उन दिनों कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तथा राजुरा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुभाष धोटे ने की थी।
इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारियों ने आरोपों की जांच के बाद तथ्यों की पड़ताल करते हुए मतदाता सूची से 6831 वोट हटा दिए थे, इस जालसाजी के संदर्भ में पुलिस में शिकायत भी दर्ज की थी, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अक्टूबर 2024 में ही मामला भी दर्ज कर लिया था। इस बात को अब एक वर्ष होने को है, बावजूद इसके इस मामले पुलिस किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
बताया जाता है कि, इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने और वोट चोरी करने वाले सूत्रधार तक पहुंचने के उद्देश्य से पुलिस ने पिछले 9 माह में पांच से छह बार चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर वोट चोरी के मामले से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डेटा, तकनीकी जानकारी, आईपी एड्रेस, मोबाइल नंबर्स आदि की जानकारी मांगी, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से यह जानकारी अब तक पुलिस को प्राप्त नहीं हो सकी है।
उल्लेखनीय है कि, विधानसभा चुनाव में कथित वोट चोरी के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजुरा क्षेत्र में हुई वोटों की चोरी का उल्लेख किया था। तबसे राजुरा क्षेत्र में वोटों में हुई यह कथित धांधली का मुद्दा पुनः गरमाया हुआ है। जिले में सर्वत्र यही मुद्दा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
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यह भी उल्लेखनीय है कि, स्वयं चुनाव आयोग ने भी राजुरा क्षेत्र में वोटों की धांधली की बात स्वीकार की है। आयोग ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि, राजुरा क्षेत्र में मतदाता सूचियों की पुननिर्धारण प्रक्रिया के दौरान 1 से 17 अक्टूबर 2024 के दरम्यान कुल 7592 नए मतदाताओं के आवेदन प्राप्त हुए थे, इनमें से कई आवेदनों में दिया गया पता गलत पाया गया था, फलस्वरूप मतदाता सूची से 6861 नाम हटा दिए गए थे।