कचरे का ढेर (फोटो नवभारत)
Chandrapur News In Hindi: चंद्रपुर जिले की चिमूर तहसील के आंबोली चौक क्षेत्र में स्थित एक तथाकथित गौशाला में गंभीर लापरवाही सामने आई है। पशुओं के लिए उचित व्यवस्था न होने के कारण पिछले कुछ दिनों में कई पशुओं की बीमारियों से मौत हो चुकी है। एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है कि इन मृत पशुओं को बिना दफनाए खुले में फेंक दिया जा रहा है। इससे इलाके में दुर्गंध फैल गई है और नागरिकों के स्वास्थ्य पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस गौशाला में 30-40 आवारा पशु रखे गए हैं। लेकिन इनमें आवश्यक सुविधाओं का पूरी तरह से अभाव है। बैठने की उचित जगह न होने के कारण पशु दिन भर खड़े रहते हैं। पानी, चारा और स्वच्छता सुविधाओं की कमी के कारण वे बीमार पड़ जाते हैं और मर जाते हैं। मृत पशुओं को दफनाने की कोई सुविधा न होने के कारण, उन्हें इलाके में खुले में फेंकने से वातावरण दूषित हो गया है।
गौरतलब है कि इस गौशाला का ग्राम पंचायत या संबंधित विभाग में कोई आधिकारिक पंजीकरण नहीं है। गौरक्षा किसके प्रबंधन में चल रही है, इसकी कोई ठोस जानकारी किसी को नहीं है। यहां तक कि गौरक्षा का कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया है।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज के स्मारक में पशुओं के साथ हो रहे इस अन्याय पर नागरिकों में भारी रोष है। नागरिकों ने स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग से इस मामले में हस्तक्षेप कर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है, और प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नज़र है।
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चिचाला शास्त्री के सरपंच अरविंद राउत ने भी इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामपंचायत के पास गौरक्षा से संबंधित कोई पंजीकरण नहीं है। इस गौ-रक्षा में मरने वाले पशुओं को खुले में फेंक दिए जाने के कारण क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है। क्षेत्र के नागरिकों को बेवजह परेशानी उठानी पड़ रही है।
सहायक पुलिस निरीक्षक मंगेश भोंगले ने कहा कि घटनास्थल का दौरा कर निरीक्षण किया जाएगा। गौ-रक्षा चलाने वाले संबंधित व्यक्तियों को पुलिस स्टेशन बुलाया जाएगा और उनसे पूछताछ के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।