शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 25वें शिखर सम्मेलन का मंच इस बार आतंकवाद पर भारत के तीखे सवाल
SCO summit PM Modi Talk on Pahalgam Attack: चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 25वें शिखर सम्मेलन का मंच इस बार आतंकवाद पर भारत के तीखे सवालों का गवाह भी बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घिनौने आतंकी हमले का जिक्र करते हुए दुनिया के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे खुले समर्थन पर प्रहार करते हुए पूछा कि इस तरह के दोहरे रवैये को आखिर कैसे स्वीकार किया जा सकता है?
प्रधानमंत्री मोदी के इस कड़े रुख के बाद एससीओ के सदस्य देशों ने भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए तियानजिन घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। जिसे 10 सदस्यीय एससीओ समूह अपनाएगा।सभी सदस्य देशों ने एक स्वर में कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके दोषियों, आयोजकों और स्पोंसरों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें सजा दिलाकर ही रहेंगे।
#WATCH चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (SCO) के सदस्यों के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “… यह(पहलगाम) हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती थी। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें… pic.twitter.com/kHtNAyUY65
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद पूरी इंसानियत के खिलाफ है और इस पर दोहरा मापदंड अपनाने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। इस दंश ने कई माताओं से उनके बच्चे छीन लिए और अनगिनत बच्चों को अनाथ कर दिया। हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकियों का जो घिनौना चेहरा देखा, वह केवल भारत पर नहीं, बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति और हर देश पर हमला था। उन्होंने उन मित्र देशों का आभार भी व्यक्त किया, जो इस मुश्किल घड़ी में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने एससीओ के मंच पर भारत की नीति को तीन मजबूत स्तंभों पर आधारित बताया जिसे सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर से जोड़ा।
#WATCH चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (SCO) के सदस्यों के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है… हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का घिनौना रूप देखा। इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे मैं उनका… pic.twitter.com/kb0KVD6cQZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद एससीओ के घोषणापत्र में भी आतंकवाद के खिलाफ यही सख्ती दिखाई दी। सदस्य देशों ने साफ कहा कि वे आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। घोषणापत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि अपने स्वार्थ के लिए आतंकी, अलगाववादी या उग्रवादी समूहों का इस्तेमाल करना बिल्कुल गलत है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। सभी देशों से यह अपील की गई कि वे आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में एकजुट हों और सीमा पार से होने वाली आतंकियों की आवाजाही पर पूरी तरह से लगाम लगाएं।