अजित पवार पुणे मीटिंग (pic credit; social media)
Maharashtra News: पुणे शहर और जिले में महावितरण द्वारा बिजली से जुड़ी विभिन्न योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। इनमें भूमिगत केबल बिछाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी शामिल हैं। लेकिन पुणे मनपा द्वारा वसूले जाने वाले अत्यधिक खुदाई शुल्क के कारण इन परियोजनाओं की लागत बढ़ रही है और समय पर कार्य पूरे नहीं हो पा रहे।
शनिवार को सर्किट हाउस में आयोजित जिला विद्युत निगरानी समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री और पालक मंत्री अजीत पवार ने की। इस दौरान उन्होंने पुणे मनपा को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की तर्ज पर शुल्क प्रणाली अपनाए, ताकि योजनाओं में अनावश्यक अड़चनें न आएं।
दरअसल, पिंपरी-चिंचवड़ मनपा खुदाई के लिए प्रति मीटर केवल 100 रुपये का पर्यवेक्षण शुल्क लेती है और सड़क मरम्मत की जिम्मेदारी महावितरण पर डालती है। वहीं पुणे मनपा प्रति मीटर लगभग 6600 रुपये वसूलती है, जिसमें मरम्मत का खर्च शामिल होता है। इस भारी अंतर को देखते हुए पवार ने पुणे मनपा आयुक्त से शुल्क व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा।
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बैठक में यह भी बताया गया कि आरडीएसएस योजना के तहत जिले को 178 करोड़ रुपये का फंड मिला है। इसके जरिए 11 नए सबस्टेशन बनाए जाएंगे, 17 सबस्टेशनों की क्षमता बढ़ाई जाएगी, 1320 उच्च-वोल्टेज लाइनों को भूमिगत किया जाएगा और 146 नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी 505 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे 2408 किमी उच्च व 2064 किमी निम्न वोल्टेज लाइनों का काम होगा।
इसके अलावा, जिले में पीएम-सूर्यघर योजना को भी प्रोत्साहन देने पर जोर दिया गया। अब तक 20,076 ग्राहकों ने इसका लाभ लिया है और लगभग 94 मेगावॉट क्षमता स्थापित की गई है। पवार ने अधिकारियों से कहा कि इस योजना को और गति दी जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मुफ्त बिजली का फायदा उठा सकें।
अंत में उपमुख्यमंत्री ने महापारेषण कंपनी को भी आदेश दिया कि स्वीकृत 11 अति उच्च-वोल्टेज सबस्टेशनों का काम तुरंत शुरू कर समय पर पूरा किया जाए।