ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tadoba Tiger Relocation: चंद्रपुर जिले में बाघों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसके कारण बाघ गांवों के निर्दोष लोगों का शिकार कर रहे हैं। इसलिए भविष्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए ताड़ोबा से बाघों को अन्य राज्यों में भेजने की तैयारी तेज़ कर दी गई है। राज्य सरकार इस संबंध में कदम उठा रही है ऐसी जानकारी वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस ने दी है।
शोभा फडणवीस ने मूल के फडणवीस वाडा में संवाददाताओं से औपचारिक चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शुरुआत में चंद्रपुर जिले में केवल 45 बाघ थे। पिछले कुछ वर्षों में बाघों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है, यह 2006 में 103, 2010 में 169, 2014 में 190 और 2018 में 312 हो गई है।
चंद्रपुर जिले के ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में तेंदुओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। ऐसा कहा जाता है कि 1985 तेंदुए व 400 से अधिक बाघ वर्तमान में होने की जानकारी दी। तेंदुए के हमलों को खतरी भी बढ़ा है।
सरकार ने मानव-वन्यजीव संघर्ष के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए 22 करोड़ 5 लाख रुपये खर्च किए। इससे पहले, ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में केवल 8 गेट थे। अब 28 गेट हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने मनुष्यों की परवाह किए बिना अपनी आय बढ़ाने के लिए गेट बढ़ा दिए।
पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस ने 14 अक्टूबर 2025 को राज्य के वन मंत्री नामदार गणेश नाइक को एक ज्ञापन सौंपा, और चंद्रपुर जिले के मूल, सावली, ब्रम्हपुरी तहसील के बाघों के हमले में मनुष्यों की मृत्यु बडे पैमाने पर होने से बाघ का बंदोबस्त करने की मांग के साथ अन्य मांगो का ज्ञापन दिया। ज्ञापन पर 10 अक्टूबर को सह्याद्री राज्य अतिथि गृह के हॉल क्रमांक 4 में राज्य के वन मंत्री नामदार गणेश नाईक की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।
बैठक में मौजूद पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस व अन्य
बैठक में पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस, वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, नागपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख), नागपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), चंद्रपुर के मुख्य वन संरक्षक (प्रो.), ठाणे के मुख्य वन संरक्षक (प्रो.), ठाणे के उप वन संरक्षक (वन्यजीव), ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक और निदेशक, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, बोरीवली के वन संरक्षक और निदेशक, वन्यजीव कल्याण संगठन के अनिकेत कदम उपस्थित थे।
इस दौरान, वन विभाग के अधिकारियों ने चंद्रपुर जिले में बाघों और तेंदुओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंद्रपुर जिले के जंगलों में लगभग 350 से अधिक बाघ हैं और तेंदुओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
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इस पर फडणवीस ने कहा कि वन विभाग चंद्रपुर जिले के बाघों को अन्य राज्यों द्वारा अनुरोध किए जाने पर भेजने के लिए सहमत हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वन विभाग भविष्य में तेंदुओं की नसबंदी के लिए एक कार्यक्रम लागू करेगा।
चंद्रपुर जिले में स्थायी पशु चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति और एक अतिरिक्त बचाव केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। वन्यजीव संघर्षों से बचने के लिए, गाँव और जंगल के बीच एक बांस का जंगल बनाने का प्रस्ताव बैठक में रखा गया, जिसे वन विभाग ने मंजूरी दे दी।
वन्यजीव संघर्ष से बचना हैं, तो आम जनता, किसानों और चरवाहों के बीच समन्वय और संवाद का अभाव है। उन्होंने कहा, अगर वन अधिकारी जनता से संवाद और चर्चा करें, तो इसका समाधान हो सकता है। साथ ही, जंगल और गांव के बीच 1307.598 वर्ग किलोमीटर का एक बहुत बड़ा क्षेत्र चरागाह के लिए खुला है।
अगर हम संबंधित ग्राम पंचायत की अनुमति लेकर वहां चरागाह घास लगाएं और जानवरों को चारा उपलब्ध कराएं, तो बाघों के हमलों में निश्चित रूप से कमी आएगी और जनहानि भी नहीं होगी ऐसे विचार उन्होने व्यक्त किए।