पहले बाल गए, फिर नाखून…अब हाथों में दरारें! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
बुलढाणा: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी जिले में पहले लोगों के बाल झड़ें, फिर नाखून गिरें और अब उनके हाथों में गहरी दरारें पड़ने लगें? महाराष्ट्र का बुलढाणा जिला आज ठीक इसी अजीब और चिंताजनक स्थिति से गुजर रहा है। यहां एक के बाद एक सामने आती स्वास्थ्य समस्याओं ने लोगों को हैरानी और भय के दौर में डाल दिया है।
अब नया मामला सामने आया है। जहां ग्रामीणों के हाथों की त्वचा फट रही है और उनमें गहरी, दर्दनाक दरारें दिखाई दे रही हैं। यह मामला सीधे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव के संसदीय क्षेत्र से जुड़ा है, जिससे इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर प्रशासनिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है।
बुलढाणा जिले के शेगांव, खामगांव और नांदुरा क्षेत्रों में पहले ही बाल झडे और नाखून गिरने की घटनाएं दर्ज की गई थीं। लोगों के बाल अचानक झड़ रहे थे, और नाखून टूटकर गिर रहे थे। उस मानसिक और शारीरिक आघात से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि अब हाथों की त्वचा फटने की समस्या ने दस्तक दे दी है। मेहकर तहसील के शेलगांव देशमुख नामक गांव में अब तक 20 मरीजों में यह लक्षण देखे गए हैं। करीब 4 से 5 हजार की आबादी वाले इस गांव में लोग दहशत में हैं।
लोगों को शुरुआत में आशंका थी कि यह बीमारी भी शायद संक्रमण फैलाने वाली हो सकती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेषज्ञों की टीम गांव में भेजी। 15 जून को भेजी गई इस टीम में डॉ. प्रशांत तांगडे जिला संक्रामक रोग सर्वेक्षण अधिकारी, बालाजी आद्रट त्वचा रोग विशेषज्ञ, डॉ. माधुरी मिश्रा चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य सेवक एवं आशा कार्यकर्ता टीम ने गांव का सर्वेक्षण किया और 20 मरीजों की गहन जांच की।
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जांच के अनुसार 20 में से 14 मरीज पामो-प्लांटर एक्जिमा, पामो-प्लांटर डर्मा और पामो-प्लांटर सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी बीमारियों से पीड़ित पाए गए। इन रोगों में खासकर हाथों और पैरों की हथेलियों व तलवों की त्वचा रूखी होकर फट जाती है और उसमें गहरी दरारें पड़ने लगती हैं।
हालांकि यह बीमारी संपर्कजन्य या संक्रामक नहीं है, फिर भी ग्रामीणों में भ्रम और चिंता का माहौल है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सावधानी और स्वच्छता से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। फिलहाल विशेषज्ञों की टीम नजर बनाए हुए है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
बुलढाणा में स्वास्थ्य से जुड़ी रहस्यमयी घटनाओं की यह श्रृंखला केवल एक जिला नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए चेतावनी है। समय रहते जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना ही इसका स्थायी समाधान हो सकता है।