केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू
मुंबई. लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने बीजेपी पर संविधान बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। इसकी वजह से बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बीजेपी विपक्ष के इस नैरेटिव से बीजेपी बेहद डर गई है। विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली बीजेपी नीत केंद्र सरकार दलितों पर विशेष तौर पर फोकस कर रही है। इसी पृष्ठभूमि में मुंबई में दलितों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि रहे केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू ने उपस्थित लोगों से कहा कि विश्व की सेवा के लिए भगवान बुद्ध के विचारों को आत्मसात करना चाहिए।
मुंबई के नेहरू विज्ञान केंद्र में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को ‘बुद्ध का मध्यम मार्ग – वैश्विक नेतृत्व के लिए एक मार्गदर्शक’ विषय पर एक विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ. मिलिंद कांबले, डॉ. दामेंदा पोरजे सहित बड़ी संख्या में भिक्षु एवं अनुयायी उपस्थित थे। इस दौरान रिजिजू ने कहा कि बौद्ध धर्म कर्म पर आधारित है। इस धर्म में हिंसा जैसी कोई चीज नहीं है, बल्कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, दया और करुणा का संदेश दिया है। दुनिया की सेवा करने के लिए व्यक्ति को भगवान बुद्ध के विचारों को अपनाना चाहिए।
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रिजिजू ने भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को याद करते हुए कहा कि यह सम्मेलन महाराष्ट्र की उस पवित्र भूमि पर आयोजित किया जा रहा है जहां डाॅ. बाबा साहेब आंबेडकर जैसी महान शख्सियत ने भारत को दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान दिया है। इस संविधान ने हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है। महाराष्ट्र में अल्पसंख्यकों और बौद्ध धर्म के लिए काम करने वाले संगठनों को सरकार की मदद से राज्य के हर क्षेत्रीय प्रभाग में एक संविधान कक्ष बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अध्ययन केंद्र, कामकाजी महिलाओं और छात्रों के लिए छात्रावास के निर्माण का भी आह्वान किया।
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