सड़क पर बैठे मवेशी (फोटो नवभारत)
Bhandara Stray Cattle Problem: करीब दो लाख की आबादी वाले भंडारा शहर में आवारा मवेशियों की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। शहर के चौक-चौराहों, मुख्य मार्गों और बाजार क्षेत्रों में मवेशियों का डेरा अब आम नजारा बन गया है। गांधी चौक से बसस्टैंड तक का भीड़भाड़ वाला मार्ग भी इससे अछूता नहीं है। अचानक सड़क पर आ जाने वाले मवेशियों से वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है और हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
नगर पालिका ने कुछ साल पहले बसस्टैंड के पास की इमारत में आवारा मवेशियों को अस्थायी रूप से रखने की व्यवस्था की थी। लेकिन अब यह पूरी तरह बंद हो चुकी है। वहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं बनाई गईं, नतीजतन मवेशियों को पकड़कर रखने की कोई व्यवस्था अस्तित्व में नहीं है।
नागरिकों ने बार-बार नगरपालिका प्रशासन को इस समस्या की ओर ध्यान दिलाया। दुर्घटनाओं, जाम की स्थिति और व्यापारियों की परेशानी के बारे में भी शिकायतें की गईं। लेकिन प्रशासन ने अब तक गंभीरता नहीं दिखाई। नागरिकों में चर्चा है कि कांजी हाउस गया तो आखिर कहां गया?
त्योहारों की भीड़ के बीच मवेशियों की टोलियां बसस्टैंड, मुख्य चौक, बड़ा बाजार, साई मंदिर मार्ग और राजीव गांधी चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर डेरा जमाए बैठी रहती हैं। अचानक सामने आए मवेशियों से बाइक सवारों का संतुलन बिगड़ जाता है और दुर्घटनाएं हो रही हैं। सब्जी बाजार और किराना दुकानदारों को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ रही है।
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मवेशी सीधे सब्जियां, फल और अनाज खा जाते हैं। व्यापारी जब उन्हें भगाते हैं तो मवेशी मालिक उलटे विवाद खड़ा कर देते हैं, जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। कुछ पशुपालक जानबूझकर मवेशियों को सड़क पर छोड़ देते हैं। पकड़े जाने पर वे नगरपालिका कर्मचारियों से झगड़ा, गाली-गलौज और मारपीट तक कर चुके हैं। इस वजह से प्रशासन भी कार्रवाई से कतराता है, ऐसा नागरिकों का कहना है।
पहले कांजी हाउस का काम ठेके पर चलाया जाता था। लेकिन कई महीनों से इसके लिए कोई निविदा नहीं निकली, जिससे यह व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। हर साल मवेशी नियंत्रण के लिए लाखों रुपये का बजट दिखाया जाता है, लेकिन कांजी हाउस बंद होने से यह राशि कहां खर्च हो रही है, यह सवाल बना हुआ है।
भंडारा नगर परिषद के मुख्याधिकारी करण कुमार चव्हाण ने कहा कि शहर में आवारा मवेशियों की समस्या को लेकर नगरपालिका प्रशासन गंभीर है। अब कांजी हाउस फिर से शुरू किया जा रहा है। हाल ही में निविदा प्रक्रिया पूरी कर ‘श्री समर्थ बहुउद्देशीय संस्था’ को यह काम सौंपा गया है। दो–तीन दिनों में मुनादी कर पशुपालकों को चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद भी यदि कोई मवेशी खुले में छोड़ेगा तो उस पर सीधी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।