
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स:सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar District Hospital News : राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर शनिवार की मध्यरात्रि में 1 बजे चिकलथाना स्थित जिला सामान्य अस्पताल में धमक गए व मरीज सेवाओं का आकलन किया। आबिटकर ने आपातकालीन विभाग, स्वच्छता व्यवस्था, दवाइयों का भंडारण, यंत्र सामग्री, विविध विभागों के कामकाज की समीक्षा करने के साथ ही मरीजों से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि उपचार का स्तर कैसा है? उन्हें सेवा समय पर सेवा मिलती है कि नहीं।
मुआयने के दौरान खामियां देखकर मंत्री आबिटकर बिफर गए। अधिकारियों को अनुशासित तरीके से काम करने की सलाह देते हुए कहा कि इस तरह की सेवाएं दें कि मरीजों के रिश्तेदारों की कोई शिकायतें न आएं। मुआयने के दौरान उपसंचालक डॉ. कांचन वानेरे, जिला शल्यचिकित्सक डॉ. कमलाकर मुदखेड़कर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अभय धानोरकर, अतिरिक्त जिला शल्यचिकित्सक डॉ. भूषण रामटेके, डॉ. पद्मजा सराफ, चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित थे।
आबिटकर ने कहा कि अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले आहार बाबत कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दवाइयों की किल्लत निर्मित न होने देने, यंत्रसामग्री कार्यरत स्थिति में रखने के आदेश भी उन्होंने दिए।
इसके साथ ही माता-प्रसूति का प्रमाण बढ़ाने, टीकाकरण मुहिम में तेजी लाने, शल्यक्रियाओं की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी उन्होंने दिए। कहा कि यहां आने वाले हर नागरिक को सुरक्षित, स्तरीय व तत्काल सेवा मिलनी चाहिए। ढिलाई बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री आबिटकर ने शहर के निजी अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों संग बैठक कर महात्मा ज्योतिराव फुले जनआरोग्य योजना, ईएसआईसी योजना व अस्पतालों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने आश्वस्त किया कि निजी अस्पतालों को विभिन्न कारणों से होने वाली परेशानियां दूर की जाएंगी।
कहा कि निजी अस्पतालों के पंजीकरण प्रमाणपत्र की वैधता 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष की जा रही है। छोटे अस्पतालों को फायर ऑडिट में राहत देने के लिए नई व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित शर्तों पर जल्द ही विकास विभाग व प्रदूषण नियंत्रण मंडल से चर्चा होगी।
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सरकार ने लिए निर्णय के अनुसार प्रशिक्षित नर्सों की अनिवार्य शर्त को कुछ समय के लिए शिथिल किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत इलाज किए गए मरीजों के क्लेम का भुगतान 1 माह के भीतर किया जाएगा। ईएसआईसी से लाभान्वित मरीजों की संख्या बढ़ाने की जरूरतों पर भी जोर दिया गया।
बैठक में एक निजी अस्पताल प्रतिनिधि ने बताया कि क्रिटिकल केयर पैकेज वर्तमान में 7, 8 व 10 दिनों का है, पर वेंटिलेटर पर रहने वाले हर मरीज को 10 दिन का इजाज जरूरी नहीं होता। इस पर महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद जगताप ने स्पष्ट किया कि नया पैकेज शीघ्र लागू कर दिनों के हिसाब से अवधि बढ़ाई जाएगी।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सह निदेशक डॉ. सुनीता गोल्हाईत, घाटी के डीन डॉ. शिवाजी सुक्रे, सरकारी कैंसर अस्पताल के अधिकारी डॉ. अरविंद गायकवाड, महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद जगताप, ईएसआईसी के अधिकारी अशोक थोरात व आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अनुपम टाकलकर मौजूद थे।






