
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर झरी तालाब पर उमड़ी पर्यटकों की भीड़
Bhandara News: लाखांदुर तहसील के पारडी-मुर्झा गांव के समीप स्थित झरी नामक छोटा सा गांव घने जंगलों के बीच बसा है। यहां लगभग 9 से 10 आदिवासी परिवार निवास करते हैं। गांव के पास ही फैला झरी तालाब अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही इस रमणीय स्थल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है।
झरी तालाब का निर्माण लगभग दो से तीन सौ वर्ष पूर्व हुआ था। तालाब के किनारे स्थित प्राचीन शिवशंकर मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है। हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
तालाब के नीचे फैले खेतों में इसका जल सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। पारडी, मुर्झा, झरी और रयतवाड़ी गांवों के किसानों के लिए यह तालाब कृषि जीवनरेखा साबित हुआ है।
झरी तालाब के चारों ओर घना जंगल, पहाड़ और घाटियां इसकी सुंदरता को और भी निखारते हैं। लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में फैले इस तालाब का पानी इन दिनों लबालब भरा हुआ है, जिससे दृश्य अत्यंत मनोहारी लग रहा है। आसपास के वन क्षेत्र में जंगली जानवरों और पक्षियों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। पक्षियों के मधुर स्वर पूरे वातावरण में संगीत घोल देते हैं।
सर्दी, गर्मी और वर्षा तीनों ऋतुओं में पर्यटक और प्रकृति प्रेमी झरी तालाब की सुंदरता का आनंद लेने आते हैं। वर्तमान में हरीतिमा से लदे पेड़-पौधे और औषधीय वनस्पतियां पूरे क्षेत्र की शोभा बढ़ा रही हैं। घने कोहरे के बीच झरी तालाब का दृश्य किसी स्वप्नलोक जैसा प्रतीत होता है।
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स्थानीय नागरिकों और निसर्गप्रेमियों ने प्रशासन से झरी तालाब को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि इस अद्वितीय प्राकृतिक धरोहर की ओर जनप्रतिनिधियों का पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे नागरिकों और पर्यटकों में नाराजगी व्याप्त है।
प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक महत्व और पर्यावरणीय संतुलन का संगम झरी तालाब वास्तव में भंडारा जिले का एक छिपा हुआ रत्न है, जिसे संरक्षण और पर्यटन विकास की आवश्यकता है।






