
कपास चुनते-चुनते बाघ से जा मिली महिला (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur Forest department: चिमूर तहसील के भिसी क्षेत्र में इन दिनों बाघों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि कब और किससे सामना हो जाए, कहा नहीं जा सकता। रविवार दोपहर अंबोली गांव की एक किसान महिला अपने खेत में कपास की तुड़ाई कर रही थी, तभी एक पट्टेदार बाघ अचानक उसके सामने आ खड़ा हुआ। जिस महिला को अंदाजा भी नहीं था कि पल भर में मौत उसके सामने होगी, उसने हिम्मत नहीं हारी। बाघ मात्र दो फीट की दूरी पर था, लेकिन महिला ने बिना पीछे मुड़े ज़ोर से चीख लगाई और पूरे साहस से बाघ को एक ओर धकेल दिया। इस दौरान पास में मौजूद देवर ने तुरंत मौके पर पहुंचकर अपनी भाभी की जान बचा ली।
दृढ़ इच्छाशक्ति और हिम्मत का परिचय देने वाली इस महिला का नाम पिंकी संजय ठाकरे (40) है, जो अंबोली गांव की रहने वाली हैं। यह घटना रविवार दोपहर करीब 2 बजे अंबोली-डोमा रोड स्थित वाघदरा रीठ क्षेत्र में हुई। संजय ठाकरे का खेत इसी इलाके में है, जहां उनकी पत्नी पिंकी सुबह से कपास चुन रही थीं। काम के दौरान बाघ चुपचाप पास आ गया, लेकिन उसे इसकी भनक तक नहीं लगी।
जब उसने कपास चुनते-चुनते सिर उठाया, तो सामने बाघ देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गए। बावजूद इसके, उसने हिम्मत नहीं खोई और तेज आवाज में चिल्लाई, जिससे बाघ घबरा कर पीछे हट गया। बताया जाता है कि यह बाघ पिछले कई दिनों से खेतों के आसपास घूम रहा है और अब स्थानीय लोगों के लिए खतरा बन चुका है। इससे पहले लावारी में एक महिला बाघ का शिकार बन चुकी है, जो इस स्थान से करीब एक किलोमीटर दूर है। वहीं शिवरा में एक पूर्व सरपंच की भी बाघ के हमले में मौत हो चुकी है।
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लगातार हो रही इन घटनाओं से मानव-वन्यजीव संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस बाघ को जल्द पकड़ा नहीं गया, तो वे वन विभाग कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल करेंगे। यह चेतावनी वंचित बहुजन युवा अध्यक्ष शुभम मंडपे ने दी है।






