सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीजेपी को किया 'राम राम' (सौजन्यः सोशल मीडिया)
भंडारा: दलबदल की राजनीति कोई नई बात नहीं, चुनाव आते ही ऐसे कई चेहरे सामने आ जाते हैं जो पार्टी से नाराज चल रहे होते हैं। ऐसे ही चेहरे फिर अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी से रिश्ता जोड़ लेते हैं। ऐसा कुछ नगर निकाय चुनाव के ऐलान के बाद से दिखाई दे रहा है। लेकिन इस बार जिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिस पार्टी को छोड़ा है वह पार्टी भी सत्तारूढ़ है और जिस पार्टी में प्रवेश किया है वह पार्टी भी गठबंधन के साथ सत्ता में है।
आगामी स्थानिक स्वराज्य संस्था चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। जिले के सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी को अलविदा कहकर शिवसेना (शिंदे गुट) में प्रवेश किया है। शहर में 8 जून को आयोजित कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भंडारा-गोंदिया जिला समन्वयक संजय कुंभलकर के नेतृत्व में तथा शिवसेना (शिंदे गुट) के जिलाध्यक्ष अनिल गायधने की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी में प्रवेश किया।
इस सामूहिक प्रवेश ने स्थानीय भाजपा इकाई में खलबली मचा दी है। भाजपा छोड़ने वालों में लाखनी तहसील से पद्माकर बावनकर, बाला शिवनकर, अमन निर्वाण, विनायक शेंडे, निलेश गायधनी, महेश भदाडे, साकोली तहसील से राधेश्याम मुंगमोडे, नरेंद्र वाडीभस्मे, सुमित लंजे, रवी कापगते, हेमराज सोनवाने, तुषार जांभुलकर, प्रज्वल गभने, शुभम भागवत, अश्विन मेश्राम, लाखांदुर तहसील से यश खत्री, दिनेश लाडे, निकेश कठाने, गोवर्धन गहाने शामिल हैं। इन कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कई अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थामा।
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2024 के विधानसभा चुनावों के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में भाग लिया था, जिन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। अब वही लोग शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हुए हैं। भाजपा का उनसे अब कोई संबंध नहीं है।
संजय कुंभलकर, जिला समन्वयक, शिवसेना (शिंदे गुट) ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व को स्वीकार करते हुए भंडारा-गोंदिया जिला समेत अन्य जिलों से भी भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो रहे हैं। हम सभी कार्यकर्ताओं का सम्मानपूर्वक स्वागत कर रहे हैं।