
करोड़ों की सिग्नल व्यवस्था ध्वस्त, प्रशासन मौन
Bhandara Traffic: भंडारा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से नगर परिषद ने लाखों रुपये खर्च कर सिग्नल सिस्टम लगाया था, लेकिन यह पूरी व्यवस्था अब महज दिखावे की वस्तु बनकर रह गई है। कुछ ही वर्षों में शहर के कई सिग्नल पोल एक-एक कर गिरते जा रहे हैं। शहर के व्यस्ततम चौकों मुस्लिम लाइब्रेरी चौक, लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे चौक और पोस्ट ऑफिस चौक पर सिग्नल व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। इससे साफ झलकता है कि भारी-भरकम बजट खर्च करने के बावजूद काम की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
सहयोग हॉस्पिटल के पास सड़क के बीचोंबीच लगाया गया सिग्नल पोल अब पूरी तरह जंग खा चुका है और गिरा पड़ा है। बताया जा रहा है कि किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से वह गिरा, लेकिन हकीकत यह भी है कि पोल की नींव कमजोर थी और लंबे समय से उसमें जंग लग चुका था। इसके बावजूद नगर परिषद ने कभी इसकी देखभाल नहीं की। इसी चौक पर दूसरा पोल भी अब झुकने की स्थिति में है, जिससे नागरिकों में भय का माहौल है कि किसी भी समय यह भी गिर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है। सवाल यह उठता है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद यह व्यवस्था टिक क्यों नहीं पा रही? क्या यह ठेकेदारों की लापरवाही है या प्रशासन की अनदेखी?
नगर प्रशासन ने शहर के प्रमुख चौकों और सड़कों पर ट्रैफिक की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे, लेकिन इनका काम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। मुस्लिम लाइब्रेरी चौक समेत कई स्थानों पर न तो कैमरे ठीक से काम कर रहे हैं और न ही सिग्नल का रखरखाव हो रहा है।
खंभे गिरने जैसी घटनाओं के बावजूद किसी जिम्मेदार अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि करोड़ों रुपए की लागत से स्थापित यह प्रणाली केवल दिखावे के लिए ही लगाई गई थी।
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भंडारा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी है। जगह-जगह बंद पड़ी लाइटें, बेकार पड़े सिग्नल और झुके हुए पोल नागरिकों के लिए खतरा बने हुए हैं। दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी हुई है, जबकि प्रशासन मौन है।
शहरवासियों ने मांग की है कि संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और सिग्नल सिस्टम की मजबूती व रखरखाव के लिए स्थायी तंत्र विकसित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।






