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Police Arrested 30 Cyber Fraudsters: राजस्थान के डीग जिले में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। एसपी ओमप्रकाश मीणा के निर्देश पर ‘ऑपरेशन एंटी वायरस’ के तहत गांव भीलमका में छापेमारी कर 30 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया। मौके से 28 मोबाइल फोन, 35 सिम कार्ड, 4 ट्रैक्टर, 2 कार और 2 बाइक बरामद की गईं।
आरोपी ठग सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापनों और सेक्सटॉर्शन के जरिए लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके थे। पुलिस अब इनसे गहन पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है। एसपी ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर साइबर अपराधियों को जड़ से उखाड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
एडीशनल एसपी अखिलेश शर्मा के नेतृत्व में दो घंटे के सर्च ऑपरेशन में ये गिरफ्तारियां हुईं। उन्होंने कहा, “हम हॉटस्पॉट गांवों को चिह्नित कर अपराधियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं। मेरे तीन महीने के कार्यकाल में 350 से अधिक साइबर ठगों को सलाखों के पीछे डाला जा चुका है। साइबर सेल की तकनीक से लोकेशन ट्रेस की जा रही है और ठगी की संपत्ति पर नकेल कसी जाएगी। नए कानून के तहत कुर्की की कार्रवाई होगी।”
डीग जिला, जो कभी ‘राजस्थान का जामताड़ा’ कहलाता था, अब साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बन चुका है। यहां जंगलों और खेतों में छिपकर युवा गैंग बनाते हैं। गिरफ्तार ठगों ने कबूल किया कि वे फर्जी सिम और चोरी के मोबाइल से फेसबुक-इंस्टाग्राम पर अकाउंट बनाते हैं। डीपी पर लड़की की फोटो लगाकर बुजुर्गों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। मैसेंजर पर ‘हैलो-हाय’ से व्हाट्सएप नंबर लेते हैं, फिर फर्जी नग्न वीडियो दिखाकर शिकार की वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर ब्लैकमेल करते हैं। बदनामी के डर से शिकार मोटी रकम ट्रांसफर कर देते हैं।
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एक और तरीका फर्जी विज्ञापनों का है। फेसबुक पर लकड़ी के सुंदर मंदिर की फोटो डालकर संपर्क आते ही डिलीवरी चार्ज मांगते हैं। फिर ‘फेल्ड’ बताकर बार-बार पैसे ऐंठते हैं, न मंदिर भेजते हैं न रिफंड। ये ठग नए-नए पैंतरे अपनाते रहते हैं, जैसे पेन-पेंसिल पैकिंग या अन्य फर्जी प्रोडक्ट्स। पुलिस ने बताया कि ये गिरोह मेवात, जामताड़ा और असम तक फैले हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






