
फैली गंदगी (सौजन्य-नवभारत)
Bhandara News: भंडारा शहर के खुले भूखंड और सार्वजनिक मैदान इन दिनों असामाजिक तत्वों के चंगुल में फस गए हैं। मैदानों पर कांच की टूटी बोतलें बिखरी पड़ी हैं, जिससे नागरिकों और बच्चों की सुरक्षा का गंभीर प्रश्न खड़ा हो गया है।
दशहरा मैदान पर खेलने गए कुछ छोटे बच्चों के पैरों में टूटी कांच की बोतलों के टुकड़े लगने से गंभीर चोटें आई हैं। इन घटनाओं से अभिभावकों में गहरी चिंता व्याप्त है। सुरक्षित खेलने की जगहों की कमी के कारण जो मैदान हैं, वे भी अब खतरनाक बनते जा रहे हैं, ऐसा नागरिकों का कहना है।
बंद पड़ी स्कूलें और परित्यक्त शासकीय इमारतें भी शराबियों और नशेड़ियों के अड्डों में बदल गई हैं। कई खुले भूखंडों और मैदानों पर रात के समय युवकों के झुंड इकट्ठा होकर शराब पीते हैं और बोतलें तोड़कर वहीं फेंक देते हैं। सुबह व्यायाम या खेलने आने वालों को कांच के टुकड़ों पर चलना पड़ता है। परिणामस्वरूप क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी जैसे खेल खेलना मुश्किल हो गया है। कई मैदानों पर खाली शराब की बोतलें, प्लास्टिक और कचरे के ढेर दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों ने बार-बार शिकायतें देने के बावजूद प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस की गश्त बेहद कम होने से रात के समय मैदानों में शराब पीने वालों को कोई रोक-टोक नहीं होती। इससे नागरिकों की सुरक्षा का प्रश्न और गंभीर हो गया है।
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सिगरेट के पैकेट, स्नैक्स के रैपर, टूटी कांच की बोतलें, फैला हुआ कचरा और गंदगी के कारण मैदानों की सुंदरता नष्ट हो गई है। नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद प्रशासन को मैदानों की नियमित सफाई के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए। मैदान नागरिकों के स्वास्थ्य का केंद्र होने चाहिए, अस्वच्छता का नहीं ऐसा नागरिकों का मत है।
मैदानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना, सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति करना और पुलिस गश्त बढ़ाना जैसी उपाय योजनाएं तुरंत लागू करने की आवश्यकता है। कुछ बंद स्कूलों और परित्यक्त सरकारी इमारतों में शराब और गांजा सेवन के चलते उन स्थानों की भी जांच और सुरक्षा व्यवस्था करना जरूरी है। नगर परिषद और पुलिस विभाग को मिलकर रात में गश्त बढ़ानी चाहिए, शराब पीने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, मैदानों की स्वच्छता सुनिश्चित करनी चाहिए और खिलाड़ियों, बच्चों व नागरिकों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की मांग नागरिकों ने की है।






