
नरकातला स्वर्ग पर संजय शिरसाट (सौजन्य-एक्स)
छत्रपति संभाजीनगर: शिवसेना यूबीटी नेता, राज्यसभा सांसद और सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत अपनी बहुप्रतीक्षित संस्मरणात्मक किताब ‘नरकातला स्वर्ग’ (हेल इन हेवन) का विमोचन करने जा रहे है। संजय राउत की किताब का विमोचन 17 मई 2025 को मुंबई के रवींद्र नाट्य मंदिर, प्रभादेवी में शाम 6 बजे किया जाएगा।
किताब में संजय राउत के वो अनुभव शामिल है, जो उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ्तारी में और लगभग 100 दिनों के आर्थर रोड जेल में बिताए। संजय राउत की किताब की शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये किताब किसी फिल्म की स्क्रिप्ट है और इसमें लिखी कहानियां मनगढ़ंत है।
शिवसेना ने संजय शिरसाट ने कहा, “संजय राउत ने जेल में रहने के बाद मिले टाइम में एक किताब लिखी। नरक से लेकर स्वर्ग तक इस किताब में उन्होंने मनगढ़ंत कहानियां बनाने की कोशिश की है। बालासाहेब ठाकरे ने जो अमित शाह और मोदी को जो मदद की, उसका कभी बखान नहीं किया। ये उनका स्वभाव था। लेकिन संजय राउत ने एक स्क्रिप्ट बनाई। देखा जा सकता है कि अमित शाह एयरपोर्ट पर उतरे और काली पीली गाड़ी में टैक्सी, मातोश्री में आए, चौकीदार के जरिए अंदर संदेश दिया। इसमें संजय राउत कहा था, उनका रोल क्या था? वो कैमरा लेकर पीछे थे, या चौकीदार थे।”
Chhatrapati Sambhajinagar, Maharashtra: On Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut’s book ‘Narakatala Swarg’, Shiv Sena MLA Sanjay Sirsat says, “After spending time in jail, Sanjay Raut wrote a book titled Narakatala Swarg, in which he tried to create fabricated stories. Balasaheb… pic.twitter.com/zXdGzS78xZ — IANS (@ians_india) May 16, 2025
किताब को फिल्म की स्क्रिप्ट बताते हुए संजय शिरसाट बोले, “ये किताब फिल्म की कहानी की तरह लिखी गई है। अगली पिक्चर निकालने की वो स्क्रिप्ट थी। बालासाहेब ठाकरे ने विरोधी हो या सत्ताधारी का हो उसकी मदद की, लेकिन कभी जताया नहीं। कर दिए भूल गए। ये उनका स्वभाव था। लेकिन इस स्क्रिप्ट में जानबूझकर शरद पवार का नाम भी जोड़ने की कोशिश की गई। इसमें बताने की कोशिश की है कि वे बालासहेब के असीम भक्त है, ये सब जानते है। लेकिन इसे कोई मानेगा नहीं। तारीफ करने के लिए लिखी गई है।”
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गोधरा कांड पर संजय शिरसाट ने कहा, “गोधरा हत्याकांड के समय की स्थिति देश को पता है। जो लाशे वहां मिली थी, जिसका रिएक्शन पूरे गुजरात में देखा गया था। उस समय अगर किसी ने बालासाहेब से मदद मांगी है तो वो उन्होंने की है।”






