छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chhatrapati Sambhajinagar Tax Collection News: चालू वित्त वर्ष में छत्रपति संभाजीनगर मनपा प्रशासन ने करों की बकाया राशि जमकर वसूली। जिसके चलते कई सालों बाद अपेक्षा से अधिक वसूली हुई है। चालू वर्ष के सितंबर माह तक कुल 164 करोड़ रुपए का राजस्व जमा हुआ है। इस वृद्धि का सीधा कारण शास्ती से आजादी और शास्ती से मुक्तिराहत योजना रहीं।
मनपा प्रशासक जी श्रीकांत के मार्गदर्शन में उपायुक्त विकास नवाले ने अपनी टीम के साथ वसूली पर विशेष लक्ष्य केन्द्रीत किया। करदाताओं ने 75 प्रतिशत से लेकर 95 प्रतिशत तक की जुर्माना राहत योजना का भरपूर लाभ लेकर अपनी सालों से बकाया करो की बकाया राशि जमा की। जिसके चलते मनपा प्रशासन मनपा की तिजोरी भी भरी।
प्रशासक जी. श्रीकांत ने घरेलू के अलावा व्यावसायिक संपत्तियों धारक के लिए भी शास्ती से आजादी योजना चलायी। जिसका फायदा प्रशासन को बड़े पैमाने पर हुआ। हालांकि, अब अभियान की गति धीमी हो गई है और प्रतिदिन केवल 30 से 35 लाख रुपए ही वसूल हो रहे हैं। इसलिए, अब बकायादारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना मनपा प्रशासन ने बनायी है।
मनपा के उपायुक्त विकास नवाले ने बताया कि लोक अदालत में जिन 8,000 संपत्तियों के लिए नोटिस जारी किए गए थे, उन पर सीधे कर का बोजा डालने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
उपायुक्त नवाले ने बताया कि 8,000 बकायेदारों की संपत्तियों की खरीदी बिक्री की रोक लगाने डालने की तैयारी अंतिम चरण में है। सभी जोन कार्यालयों ने सूचियां तैयार कर ली गई है। नवाले ने कहा कि हम इन बकायेदारों की सूची रजिस्ट्री विभाग को सौंपेंगे।
इस कार्रवाई के बाद बकाया वसूली को नई ताकत मिलेगी। क्योंकि, जब तक बकायदार संपत्ति व पेयजल कर अदा नहीं करेंगे, तब तक उनके संपत्ति की खरीदी बिक्री पर रोक लगेगी। नवाले ने बताया कि हम इस कार्रवाई तक ही सीमित न रहकर, संपत्ति जब्त का अभियान चलाने की भी तैयारी में है। ऐसे में उपायुक्त नवले ने शहर के बकायेदारों से तुरंत अपना कर चुकाने की अपील की है।
मनपा का संपत्ति कर बकाया ब्याज सहित 1300 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। वसूली हर साल बजट में निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी नहीं है, जिससे मनपा की वित्तीय स्थिति सालों से प्रभावित हो रही थी। इस वर्ष संपत्ति कर वसूली का लक्ष्य 700 करोड़ रुपये रखा गया है। इसके लिए कर छूट और जुर्माना रियायत योजनाएं लागू की गईं।
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अप्रैल से जुलाई 2014 के बीच केवल 63 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। उसके बाद मनपा प्रशासन द्वारा शुरु की गई शास्ती से आजादी योजना का फायदा बकायेदारों ने बडे पैमाने पर उठाया। जिसके चलते मनपा को 99 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ।
परिणामस्वरूप, अगस्त माह के अंत तक वसूली का आंकड़ा 162 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। उसके बाद, 75 प्रतिशत रियायत के बाद, 19 सितंबर तक यह राशि 164 करोड़ रुपए तक पहुंच गई और जल कर सहित कुल राजस्व 175 करोड़ रुपए मनपा की तिजोरी में जमा हुए।
हालांकि, बड़ी संख्या में अभी भी बकायादारों ने कर भुगतान से मुंह मोड़ लेने के कारण सख्त कार्रवाई करना मनपा प्रशासन की मजबूरी बन गई है।