
सांसद संदीपन भूमरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sandipan Bhumre On Chhatrapati Sambhajinagar DISHA Meeting: क्या विस्थापितों के लिए चल रही घरकुल योजना और हर घर नल का जल पहुंचाने वाली जलजीवन मिशन योजना ठेकेदारों के घर भरने के लिए है? यह सवाल दिशा समिति के अध्यक्ष और छत्रपति संभाजीनगर जिले के सांसद संदीपन भूमरे ने उठाया।
जब घर सस्ते और आसानी से मिल रहे हैं, तो घरकुल योजना के तहत घर कौन खरीदेगा? यह कहते हुए सांसद भूमरे ने मनपा आयुक्त से पूछा, घरकूल योजना के महंगे घर कौन खरीदेगा। वहीं, जल जीवन मिशन के अधूरे काम को पूरा दिखाकर बिल भी जारी किए गए। इसको लेकर उन्होंने जिला परिषद के सीईओ से पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (DISHA) की बैठक सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के योजना हॉल में संपन्न हुई। बैठक में सांसद संदीपान भूमरे, ओबीसी विकास मंत्री अतुल सावे, सांसद डॉ. भागवत कराड, सांसद डॉ. कल्याण काले, विधायक संजय केनेकर, रमेश बोरनारे, संजना जाधव, अनुराधा चव्हाण, विलास भुमरे, अजिनाथ धामणे सहित मनपा आयुक्त जी. श्रीकांत, जिला कलेक्टर दिलीप स्वामी, जिप सीईओ अंकित आदि उपस्थित थे।
बैठक में सांसद भुमरे ने घरकुल योजना और जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन की जानकारी ली और मनपा आयुक्त और जिला परिषद सीईओ पर सवालों की बौछार की। मनपा द्वारा हाल ही में चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान में कई घर बेदखल किए गए। बेघर लोगों ने घर पाने के लिए आंदोलन किए। इस पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि उन्हें घरकुल योजना से घर दिए जाएंगे, तदनुसार, मनपा ने सरकार से जमीन की मांग की थी।
जल जीवन मिशन में आवंटित 80 प्रतिशत कार्यों का बिल ठेकेदारों को अदा किया गया है। जब इस योजना का उद्देश्य ‘हर घर नल, हर घर जल’ था, तो नलों में पानी क्यों नहीं आया? संबंधित ठेकेदारों ने कप्लीशन भी दिया है, बिल भी वसूले हैं। अगर पानी नहीं पहुंचा, तो कंप्लीशन कैसे दिया गया?
उन्होंने इस मामले में जिला परिषद के सीईओ अंकित को जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए। सूत्रों ने बताया है कि सीईओ ने कहा है कि वह 10 दिनों के भीतर कार्रवाई करेंगे।
जिला प्रशासन ने तिसगांव, हसूल, सुंदरवाड़ी, पडेगांव में 40 हजार घरों के लिए जमीना दी। मनपा ने इन 40 हजार घरों के निर्माण के लिए निविदा जारी की। इस बीच, इन जमीनों पर 11 हजार घरों का निर्माण शुरू हो रहा है।
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सांसद भुमरे घरकूल योजना के घरों के दाम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये घर महंगे हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री घरकुल योजना के तहत घर का निर्माण साढ़े तीन सौ वर्ग फुट का है। इसकी लागत 12 लाख रुपये रखी गई है। केंद्र और राज्य सरकार ढाई लाख रुपए अदा करेंगी, और शेष राशि लाभार्थी को ऋण के रूप में दी जाएगी।
इस ऋण पर ब्याज भी लगेगा, जब लाभार्थी के पास घर ही नहीं होगा तो बैंक ऋण कैसे देगा? यह सवाल सांसद भुमरे ने उठाया। हरसूल के अंदरूनी इलाकों में 600 स्क्वायर फुट का घर 12 लाख रुपये में आसानी से मिल जाता है। ऐसे में आपका महंगा घर कौन खरीदेगा? इन कीमतों का निर्धारण कौन कर रहा है? क्या ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत है?
अगर लाभार्थी को 600 वर्ग फुट का घर 12 लाख रुपए में मिल रहा है, तो आपका साढ़े तीन सौ वर्ग फुट का घर कौन खरीदेगा? अगर ऐसा है, तो क्या यह घरकुल योजना पूरी होगी या नहीं? ऐसे कई सवाल भुमरे ने मनपा आयुक्त से पूछकर वह आग बबूला हुए।
इस पर मनपा आयुक्त ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। इस पर फिर एक बार सांसद भुमरे ने कहा कि 4 लाख रुपए का प्लॉट और 8 लाख रुपए में निर्माण कार्य के साथ 12 लाख रुपए में एक घर आसानी से मिल सकता है। तो बेघर व्यक्ति साढ़े तीन सौ वर्ग फुट का घर क्यों लेगा? सासद भुमरे के आग बबूला होने से सभागार में काफी देर तक माहौल तनावपूर्ण बना।






