जिला परिषद की मुख्याधिकारी से शिकायत करते शिवसेना यूबीटी के नेता (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News In Hindi: प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल द्वारा शुद्ध पीने का पानी मिले, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा जलशक्ति मंत्रालय के माध्यम से ‘हर घर नल’ की संकल्पना के तहत ‘जल जीवन योजना’ चलाई जा रही है। सरकार द्वारा इस योजना को लेकर ढिंढोरा पीटे जाने के बाद भी गड़चिरोली जिले में यह योजना सफेद हाथी बनकर रह गयी है।
इस योजना से जुड़ा एक मामला गड़चिरोली तहसील के मौशीखांब-मुरमाडी जिला परिषद क्षेत्र में सामने आने के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद कात्रटवार के नेतृत्व में सैकड़ों शिवसैनिकों ने जिला परिषद पर दस्तक दी।
जहां जल जीवन योजना विफल होकर इस योजना के कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच कर ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता के खिलाफ निलंबन करने की मांग शिवसैनिकों ने की है।
मौशीखांब-मुरमाडी जिप क्षेत्र में जल जीवन योजना अंतर्गत जलापूर्ति की समस्या की ओर उद्धव गुट के नेता अरविंद कात्रटवार ने जिप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का ध्यानाकर्षण कराया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक प्रतिदिन नल द्वारा शुध्द और आवश्यकता अनुसार जलापूर्ति का लक्ष्य रख योजना शुरू की गई। लेकिन गड़चिरोली में यह योजना विफल हो गयी है।
करोड़ों रुपयों की राशि खर्च करने के बाद भी उचित व्यवस्थापन का अभाव, कार्य में तकनीकी गलतियां, ठेकेदार द्वारा सूचना अनुसार काम न करने, घटिया दर्जे की सामग्री का उपयोग करने, योजना कार्यान्वित करते हुए समय वरिष्ठों की अनदेखी आदि कारणों के चलते यह योजना केवल नामशेष की रह गयी है।
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मौशीखांब-मुरमाडी जिप क्षेत्र में आंबेशिवणी, आंबेशिवणीटोली, आंबेटोला, मौशीचक, अमिर्झा टोली, अमिर्झा, कलमटोला, टेंभा, मरेगाव, मौशीखांब, मुरमाडी, मौशीचक, भिकारमौशी, बेलगांव, रानखेडा, गिलगांव, बोथेडा, मोहटोला आदि गांवों का समावेश है। इन गांवों में योजना कार्यान्वित किए जाने के बाद भी पानी की समस्या कायम है। जिससे परिसर के नागरिक पूरी तरह त्रस्त हो गये है।
एक तरफ पानी की समस्या कायम होकर महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर शुध्द जलापूर्ति नहीं होने के कारण जलजन्य बीमारियों का संक्रमण होकर लोगों के स्वास्थ्य पर विपरित परिणाम होने की संभावना जताई जा रही है। जलापूर्ति की पाइपलाइन उचित तरीके से नहीं बिछाए जाने के कारण ऊंचे हिस्सों में बसी बस्तियों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
वहीं कुछ नलों से अल्प जलापूर्ति हो रही है। कुछ नल योजना सौर ऊर्जा पर आधारित होने से नियमित जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस संदर्भ में अनेक शिकायत करने के बाद भी संबंधित विभाग द्वारा अनदेखी होने का आरोप उन्होंने लगाया है।
मौशीखांब-मुरमाडी जिप क्षेत्र में जल जीवन योजना के कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जिसका नतीजा क्षेत्र के नागरिकों को योजना संबंधित विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे जलापूर्ति की समस्या तत्काल हल कर जल जीवन मिशन योजना के कार्य की उचित जांच कर ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें, ऐसी मांग भी आंदोलनकर्ता शिवसेना के पदाधिकारियों ने की है।