नासिक में आषाढी वारी आयोजन
नासिक: जहां एक ओर पंढरपुर में चंद्रभागा नदी के तट पर आषाढी एकादशी के मंगल पर्व पर सभी संतों की पालकिया अपने ‘मायमाऊली’ (मां-विट्ठल) के दर्शन के लिए व्याकुल थीं, वहीं पूरे महाराष्ट्र में भी भक्तिमय वातावरण बना हुआ था। गांव-गांव और शहर-शहर में वारकरी, सामान्य नागरिक, स्कूली छात्र और समाज के सभी वर्गों की वारी ‘जय जय विट्ठल श्री हरी विठ्ठल’ का जयघोष करते हुए पांडुरंग के मंदिर में सांवले-सगुणी दर्शन प्राप्त कर कृतार्थ होने में लीन थी। इसी तरह की एक अनूठी वारी नासिक में ‘संस्कृति नाशिक’ के माध्यम से आज अनंत कान्हेरे मैदान में उत्साह, भक्तिमय वातावरण और भक्तों की भारी भीड़ के बीच संपन्न हुई।
‘संस्कृति नासिक’ के अध्यक्ष श्री शाहू महाराज खैरे की परिकल्पना से इस वारी का आयोजन किया गया था। गोल्फ ग्राउंड में बने मंच पर विट्ठल मुखदर्शन का 30×20 फीट का भव्य फ्लेक्स लगाया गया था। वारी ठीक 7 बजे शुरू हुई। इससे पहले, अध्यक्ष शाहू खैरे ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, वारकरियों, साइक्लिस्ट ग्रुप के सदस्यों, जूडो के छात्रों, भजन मंडलों, खो-खो, जिम्नास्टिक खिलाड़ियों और मंच पर प्रत्यक्ष रूप से विट्ठल-रखुमाई का रूप धारण किए कलाकारों का स्वागत किया और कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
तुकाराम गाथा को एक सजी हुई पालकी में रखा
वारी की शुरुआत में विट्ठल की प्रतिमा, ज्ञानेश्वरी और तुकाराम गाथा को एक सजी हुई पालकी में रखा गया। कारण खैरे व निकिता खैरे तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों के हाथों उनका पूजन हुआ। विट्ठल आरती से पूरा वातावरण पांडुरंगमय हो गया। भजन मंडलियों के जयघोष और वाद्य यंत्रों की ताल पर वारकरी का रूप धारण किए लड़कों और लड़कियों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किए। माऊली रिंगण सोहला संपन्न हुआ। घोड़ों पर केसरिया पताकाएं लेकर जुलूस शुरू हुआ।
युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं को जानें
‘राम कृष्ण हरी’ के जयघोष के साथ पालकी आगे बढ़ी। इस प्रकार, अनंत कान्हेरे मैदान में ‘पंढरी’ साकार हो उठी। दिंडी की फेरी पूरी होने के बाद उपस्थित सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में साबूदाना खिचड़ी, केले और राजगिरा लड्डू वितरित किए गए। सांसद शोभा बच्छाव और मराठा विद्या प्रसारक समाज, नाशिक के महासचिव नितिनठाकरे ने अपने विचार व्यक्त किए और इस अनूठे प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।
‘संस्कृति नासिक’ द्वारा इस तरह से आषाढी वारी का अत्यंत सटीक नियोजन किए जाने के बारे में अध्यक्ष शाहू खैरे ने कहा कि इस तरह की वारी इस शहर में पहली बार आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह पहला वर्ष होने के कारण और बारिश के चलते बड़े पैमाने पर वारी का आयोजन संभव नहीं था, लेकिन भविष्य में हर साल इस वारी को बड़े स्वरूप में आयोजित करने का उनका इरादा है, ताकि शहर का सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक वातावरण सद्भावपूर्ण बना रहे, और युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं को जान सके तथा उनके मन में अपनी संस्कृति के संस्कार पनप सकें।
इस वारी समारोह में पूर्व सांसद शोभा बच्छाव, मराठा विद्या प्रसारक समाज के महासचिव ऍड. नितिनजी ठाकरे, शरद आहेर, उद्यमी शैलेश कुटे, देवानंद बिरारी, क्रिकेट एसोसिएशन के समीर रकटे, कैप्टन आनंद देशपांडे, जूडो प्रशिक्षक विजय पाटील, नाट्य परिषद नाशिक शाखा के अध्यक्ष रवींद्र कदम, गीतकार मिलिंद गांधी, डॉ. अनिरुद्ध धर्माधिकारी, अनिल कुलथे, योगेश रकटे, गुलाम शेख, गायक मिलिंद यशोद, यतीन कुलकर्णी, साथ ही ‘संस्कृति नाशिक’ और ‘हास्य जत्रा’ ग्रुप के सभी सदस्यों सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित थे।