CJI बीआर गवई (सोर्स: सोशल मीडिया)
CJI BR Gavai News: भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई आज महाराष्ट्र के अमरावती जिले में अपने पैतृक गांव दारापुर में हैं। उन्होंने यहां आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने ने कहा कि वह सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करेंगे। सीजेआई गवई इस वर्ष नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे।
प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा कि मैंने निर्णय लिया है कि सेवानिवृत्ति के बाद मैं कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा…सेवानिवृत्ति के बाद मुझे अधिक समय मिलेगा, इसलिए मैं दारापुर, अमरावती और नागपुर में अधिक समय बिताने का प्रयास करूंगा।
शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश अपने पैतृक गांव दारापुर पहुंचे। यहां पहुंचने पर लोगों की भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया। सीजेआई ने अपने पिता, केरल और बिहार के पूर्व राज्यपाल आर एस गवई के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और परिवार के कुछ सदस्यों के साथ उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
#अमरावती:
भारताच्या सर्वोच्च न्यायालयाचे सरन्यायाधीश न्यायमूर्ती #भूषण_गवई यांनी दारापूर येथे आज त्यांचे वडील रा.सु.उपाख्य दादासाहेब गवई यांच्या स्मृतिदिनानिमित्त त्यांच्या स्मृतीस्थळी पुष्प अर्पण करून अभिवादन केले. #Amravati #Maharashtra pic.twitter.com/qMXjjmcAz7— आकाशवाणी बातम्या नागपूर (@airnews_nagpur) July 25, 2025
इसके बाद सीजेआई बीआर गवई ने दारापुर के रास्ते पर बनने वाले एक भव्य द्वार की आधारशिला भी रखी, जिसका नाम उनके पिता आर.एस. गवई के नाम पर रखा जाएगा। वह शाम को अमरावती जिले के दरियापुर कस्बे में एक न्यायालय भवन का उद्घाटन करेंगे। सीजेआई गवई शनिवार को अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय में स्वर्गीय टीआर गिल्डा स्मारक ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन करेंगे।
बता दें कि इससे पहले कई ऐसे चीफ जस्टिस रहे हैं, जिन्होंने रिटायर्ड होने के बाद कोई सरकारी पद या अन्य पद स्वीकार किया हो। हाल के वर्षाें में बीआर गवई ने सीजेआई बनने से पहले भी रिटायर्ड होने के बाद पॉलिटिक्स में एंट्री लेने से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि CJI के पद पर रहने के बाद व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।
यह भी पढ़ें:- भारत में खराब हवा की वजह से नहीं हुई कोई मौत, मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का दावा
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर्ड होने के बाद राज्यसभा सांसद बने। उन्हें राष्ट्रपति ने इस पद के लिए नॉमिनेट किया था। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ की अगुवाई रंजन गोगोई ने ही की थी।
जस्टिस गोगोई नवंबर, 2019 में CJI पद से सेवानिवृत्त हुए और कुछ महीने बाद इन्हें राज्यसभा के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया गया। उन्होंने मार्च, 2020 में राज्यसभा के सांसद के रूप में शपथ ली।