बच्चू कडू बोले, राज्य में बंदरों की सत्ता (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अमरावती: विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हर सभा में किसानों का सातबारा (भूमि दस्तावेज) पूरी तरह कर्जमुक्त करने का वादा किया था। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी नतीजा शून्य है। अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार कहते हैं कि सरकार के पास पैसे नहीं हैं, देवेंद्र फडणवीस बोलने को तैयार नहीं और दूसरे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को कुछ सुनाई नहीं देता।
इसी पर कटाक्ष करते हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने तीखी टिप्पणी की, “राज्य में अब तीन बंदरों की सरकार चल रही है। एक ने मुंह पर हाथ रख लिया है, एक ने आंखें बंद कर ली हैं और एक ने कान ढक लिए हैं। अब किससे बात करें? कौन-सा माइक बजाएं जिससे इनका मुंह खुले?”
बच्चू कडू यह बात मंगलवार को संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन, अमरावती में आयोजित ‘संताजी-धनाजी पुरस्कार’ समारोह में बोलते हुए कह रहे थे। उन्होंने आगे कहा, “तमिलनाडु सरकार का बजट 3 लाख करोड़ का है, जिसमें 44 हजार करोड़ सिर्फ कृषि क्षेत्र के लिए रखे गए हैं। उत्तर प्रदेश का 8.5 लाख करोड़ रुपये का बजट है, और उसमें किसानों के लिए 45 हजार करोड़ की व्यवस्था है।
लेकिन महाराष्ट्र का 7.5 लाख करोड़ का बजट होने के बावजूद कृषि को सिर्फ 9 हजार करोड़ दिए गए हैं। इस पर सवाल कौन उठाएगा? कोई भी किसान पुत्र आवाज उठाने को तैयार नहीं। कुछ अंधभक्त तो इस पर भी तालियां बजा रहे हैं। अब इनका होश ठिकाने लगाने का काम प्रहार को ही करना पड़ेगा।”
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कडू ने आगे कहा, “राजनीतिक कार्यकर्ता अब रेस्टोरेंट और बियर बार में बैठकर दिखावे की जिंदगी जी रहे हैं। ऐसे हालात में भी हम किसान पिता की लड़ाई लड़ने मैदान में उतरे हैं। यह कोई आसान बात नहीं है। इसके लिए सीने पर पत्थर रखना पड़ता है। हमें नहीं पता सीना कितने इंच का है, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं का सीना 56 इंच से कई गुना मजबूत है।”
उन्होंने सवाल किया, “जब किसान आत्महत्या कर रहा है, जब उस पर अन्याय हो रहा है, तो किसी को गुस्सा क्यों नहीं आता? क्या अब गुस्सा आना ही बंद हो गया है? अब वक्त आ गया है कि सड़क पर उतर कर अपने हक की लड़ाई लड़ी जाए। पहले कांग्रेस की सरकार थी, अब बीजेपी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक हर किसी को घर देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ?”