राजेश्वर मंदिर (सौजन्य-नवभारत)
Akola News: अकोला शहर के लिए 8 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ जब राज्य सरकार ने एक ही दिन में दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। पहली घोषणा के तहत श्री राजराजेश्वर संस्थान, अकोला को ‘बी वर्ग तीर्थक्षेत्र’ का दर्जा प्रदान किया गया, वहीं दूसरी घोषणा में अल्पसंख्यक मंत्री एड।माणिकराव कोकाटे ने ‘उर्दू घर’ की स्थापना को मंजूरी दी।
इन दोनों निर्णयों को अकोला के हिंदू-मुस्लिम समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक माना जा रहा है। इन घोषणाओं के पीछे विधायक साजिद खान पठान के सतत प्रयासों की अहम भूमिका रही। विधायक पठान ने विधानसभा में राजेश्वर मंदिर को ‘बी वर्ग’ दर्जा देने की मांग लक्षवेधी प्रस्ताव के माध्यम से उठाई थी और लगातार इसका अनुसरण करते रहे।
पूर्व में मंदिर को ‘सी वर्ग’ दर्जा मिला था, लेकिन पठान ने इसे अपर्याप्त मानते हुए बार-बार ‘बी वर्ग’ दर्जे की मांग की। इसी दिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र में ‘उर्दू घर’ की स्थापना को भी मंजूरी दी गई, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक समर्पित मंच मिलेगा।
शहर के ग्रामदैवत श्री राज राजेश्वर मंदिर के विकास का मार्ग अब और सुगम हो गया है। विधायक रणधीर सावरकर के निरंतर प्रयासों को सफलता मिली है और राज्य सरकार ने मंदिर को ‘बी’ वर्ग तीर्थक्षेत्र का दर्जा देने का शासन निर्णय (जीआर) जारी कर शहरवासियों को दिवाली की दूसरी बड़ी सौगात दी है। इस ऐतिहासिक निर्णय के पीछे विधायक सावरकर की दीर्घकालीन मेहनत और जनभावनाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता रही है।
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राज राजेश्वर मंदिर, जो अकोला की पहचान और श्रद्धा का केंद्र है, को यह दर्जा दिलाने के लिए विधायक सावरकर ने पूर्व विधायक गोवर्धन शर्मा और लोकनेता संजय धोत्रे की इच्छा को साकार करने हेतु नेतृत्व किया। डेढ़ वर्ष के सतत प्रयासों के बाद यह सफलता प्राप्त हुई है। साथ ही 50 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध किया गया है।