
राहत उपायों पर दिए निर्देश (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar News: सितंबर महीने में हुई अतिवृष्टि के कारण जिले में कृषि, मकान, सड़कें, पुल, बिजली, पानी की आपूर्ति तथा सार्वजनिक संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इसी पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय समिति ने आज (5 नवंबर) पाथर्डी तहसील के विभिन्न गांवों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। इस दल का नेतृत्व भारत सरकार के सहसचिव आर. के. पांडे ने किया। उनके साथ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. अरविंद वाघमारे, गृह मंत्रालय के अधिकारी आशीष गौर आदि उपस्थित थे।
दल के साथ जिलाधिकारी डॉ. पंकज आशिया, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय मुळीक, उपविभागीय अधिकारी प्रसाद मते, तहसीलदार उद्धव नाइक, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी सुधाकर बोराले तथा जिला जलसंधारण अधिकारी पांडुरंग गायसमुद्रे सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। केंद्रीय दल ने पाथर्डी तहसील के करंजी, देवराई, पारेवाड़ी और सोमठाणे खुर्द गांवों का दौरा किया।
करंजी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान बारिश का पानी घरों में घुसने से नुकसान झेलने वाले ग्रामीण राजेंद्र पारेकर से दल ने संवाद साधकर स्थिति की जानकारी ली। देवराई गांव के बंधारे और पारेवाड़ी के पानी से क्षतिग्रस्त पुल का भी निरीक्षण किया गया। जिले के अन्य क्षतिग्रस्त पुलों और बंधारों की विस्तृत जानकारी लेकर दल ने आवश्यक स्थानों पर पुनर्निर्माण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, सोमठाणे खुर्द के किसान मोहन शिदोरे के खेत में तूर और बाजरे की फसलों को हुए नुकसान का भी दल ने प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।
केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त यह उच्चस्तरीय दल एक दिन पूर्व ही अहिल्यानगर पहुंचा था। दल ने सबसे पहले जिलाधिकारी कार्यालय में संबंधित विभागों के अधिकारियों से हुई हानि की विस्तृत जानकारी ली। बैठक में केंद्रीय दल प्रमुख आर. के. पांडे, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. अरविंद वाघमारे, गृह मंत्रालय के आशीष गौर, इसरो के वैज्ञानिक डॉ. एस. वी. एस. पी. शर्मा और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के कार्यकारी अभियंता विशाल पांडे उपस्थित थे।
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समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ. पंकज आशिया, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय मुळीक तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने पॉवर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान कृषि भूमि और फसलों को हुई हानि, जनहानि, पशुधन की क्षति, मकानों एवं सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान, राहत वितरण, पुनर्वास कार्य और आधारभूत सुविधाओं के पुनर्निर्माण की जानकारी केंद्रीय दल को दी गई।






