मंत्री विजय शाह (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह के विवादित बयान मामले में आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो सकती है। इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने सीलबंद लिफाफे में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। यह मामला विजय शाह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में समय देश का गौरव बनीं सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है। इस बयान के बाद देशभर में बवाल मचा था।
इसके बाद मंत्री विजय शाह ने सफाई देते हुए कहा था कि सोफिया कुरैशी मेरी बहन हैं और मैंने उनके बारे में कुछ नहीं कहा। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई थी और उनकी माफी को ‘मगरमच्छ के आंसू’ और बयान को शर्मनाक बताया था।
मंत्री विजय शाह के कथित आपत्तिजनक भाषण पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे और मंत्री विजय शाह इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
मंत्री विजय शाह के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए बयान के बाद यह विवाद शुरू हुआ। 11 मई को इंदौर के पास महू के रायकुंडा गांव में एक ‘हलमा’ कार्यक्रम के दौरान विजय शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार लोगों को उनकी अपनी ‘बहन’ के जरिए सबक सिखाया।
हालांकि, बाद में शाह ने दावा किया कि उनका इशारा कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर नहीं था और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। इस बयान के बाद देशभर में खास तौर पर सेना और महिला संगठनों से जुड़े लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली थी। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने मंत्री के इस बयान की निंदा की थी और उनकी बर्खास्तगी की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने घटनास्थल (मानपुर) जाकर जांच की, उस विवादित वीडियो फुटेज का सत्यापन किया जिसमें विजय शाह कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में बोल रहे थे, और मंच पर मौजूद लोगों से भी पूछताछ की।
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एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और 27 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि, सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि पूरी जांच के दौरान खुद मंत्री विजय शाह का कोई बयान नहीं लिया गया।
जानकारी के अनुसार एसआईटी द्वारा सौंपी गई इस स्टेटस रिपोर्ट पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में विचार किया जाएगा। इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करने के लिहाज से यह सुनवाई काफी अहम है। सुप्रीम कोर्ट एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई पर अपना फैसला सुना सकता है, जिसमें शाह के खिलाफ एफआईआर रद्द करना या जांच जारी रखने का निर्देश देना शामिल हो सकता है। पूरे देश की निगाहें आज होने वाली इस अहम सुनवाई पर टिकी हैं।