क्या आपने कभी सोचा है कि देवताओं की दाढ़ी और मूंछ क्यों नहीं होती? प्रेमानंद महाराज ने इसके पीछे का कारण बताया
नवभारत डेस्क: हिंदू धर्म में भगवान और उनसे जुड़ी मान्यताओं को लोग बहुत ही महत्वपूर्ण मानते हैं। लोगों की आस्था भगवान के ऊपर कोई सवाल नहीं उठाती है। लेकिन आपने कई बार देखा होगा कि किसी भी भगवान की तस्वीर में उनकी दाढ़ी और मूंछ नहीं होती है। भगवान शिव, भगवान श्रीकृष्ण, भगवान गणेश जी, हनुमान जी, भगवान राम आदि सभी भगवान की तस्वीरों में आपने कभी भी उनकी दाढ़ी या मूंछ नहीं देखी होगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम 14 साल तक वनवास में रहे थे लेकिन उसके बावजूद भी उनकी किसी भी तस्वीर में दाढ़ी और मूंछ नहीं दिखाई देती है। हालांकि आजकल की कुछ तस्वीरों में भगवान की दाढ़ी मूंछ बना देते हैं। लेकिन यह सवाल आपके भी मन में आया होगा कि भगवान की दाढ़ी और मूंछ क्यों नहीं होती है।
इस सवाल के बारे में जवाब वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेमानंद जी महाराज ने दिया है। उनका कहना है कि भगवान का जो रुप है वह कभी बूढ़ा नहीं होता है। इसके पीछे कारण है कि वह चिदानंमय स्वरुप हैं। जिसकी वजह से भगवान की कभी दाढ़ी और मूंछ नहीं निकलती है। वह हर समय नवकिशोर अवस्था में रहते हैं। भगवान की यही अवस्था रहती है।
भगवान के दाढ़ी और मूंछ पर कथावचक अनिरुद्धाचार्य महाराज का कहना है कि भगवान सदा सुंदर होते हैं। वह हमेशा जवान होते हैं। भगवान भगवान हैं, काल का प्रभाव तो हम पर है। समय हम सभी को बूढ़ा बना रहा है। भगवान को समय बूढ़ा नहीं बनाता है। समय भगवान के अधीन है और हम समय के अधीन है जिसकी वजह से भगवान हमेशा जवान रहते हैं। उनका कहना है कि हम समय की मुट्ठी हैं और समय भगवान की मुट्ठी में है। इस वजह से भगवान सदा सुंदर हैं।
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वहीं देवताओं के मूंछों वाले सवाल पर श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी का कहना है कि मूंछ विकार का स्वरुप होता है। इसे विकार माना जाता है। उनके अनुसार आजकल लोग भोगबाला यानी भगवान शिव की मूंछे बना देते हैं। जिन लोगों में किसी प्रकार का विकार नहीं होता है उनकी मूंछ नहीं आती है। माता और बहनों में विकार नहीं होता है और इसी वजह से उनकी मूंछे नहीं आती हैं। उनका कहना है कि आपकी सुंदरता में विकार आता है तो आप उसे हटा देते हैं। मन की सुंदरता है कि मन कृष्ण रुप है। उसमें काम, क्रोध, लोभ और मोह विकार है जो दाढ़ी और मूंछ के समान उग जाते हैं।