जाने क्यों मनाया जाता हैं तेलुगु भाषा दिवस, पढ़ें क्या है इसका इतिहास ?
भारत देश में विभिन्न भाषा बोली जाती हैं। यहां हर एक भाषा की अपनी अलग एहमियत हैं। वही आपको बता दे की तेलुगु भाषा भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में बोली जाती हैं। तेलगु भाषा द्रविड़-भाषा परिवार (द्रविड़ भाषा-परिवार दक्षिण भारत की कई सम्बन्धित भाषाओं का समूह है) के अंतर्गत आती हैं। यही नहीं बल्कि तेलुगु भाषा भारत देश के दक्षिण इलाके तमिलनाडु, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में भी बोली जाती हैं। दक्षिण क्षेत्र में तेलगु भाषा को काफी महत्व दिया जाता हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 29 अगस्त को तेलगु भाषा दिवस मनाया जाता हैं |
जानिए क्यों मनाया जाता हैं तेलुगु दिवस?
ऐसा कहा जाता हैं कि तेलुगु भाषा के प्रमुख लेखक गिदुगू वेंकट राममूर्ति के जयंती के मौके पर यह दिवस धूमधाम से मनाया जाता हैं। तेलुगु दिवस को विशेष रूप से इसीलिए मनाया जाता हैं क्योंकि यह आज के युवाओं के बीच लोकप्रिय हो। वैसे तेलुगु भाषा को ‘द इटालियन ऑफ़ द ईस्ट’ (The Italian Of The East) भी कहा जाता हैं।
क्या है तेलुगु भाषा का इतिहास ?
दरअसल आपको बता दे कि यह पूरे भारत में बोली जाने वाली चौथी प्रमुख भाषा है। इस भाषा को भारत की शास्त्रीय भाषा का शीर्षक दिया गया है। तेलुगु शब्द का मूल रूप संस्कृत में “त्रिलिंग” है। इसका मतलब यह है कि आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम (Srisailam) के मल्लिकार्जुन लिंग, कालेश्वर और द्राक्षाराम के शिवलिंग से है। इसे त्रिलिंग देश भी कहा जाता हैं क्योंकि यह दश इन तीनों सीमाओं से घिरा हुआ हैं और इसीलिए यहाँ की भाषा त्रिलिंग (तेलुगु) कहलाई जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब आंध्र लोगों को उत्तर दिशा से से दक्षिण की ओर हटाया गया तब दक्षिण वासी होने के वजह से इस प्रदेश की भाषा को “तेलुगु” नाम दिया गया। कहा जाता है कि तेलुगु में तेने का मलतब ‘शहद हो’ होता है और इसी वजह से इसका नाम तेलुगु हैं। क्योंकि यह भाषा बहुत मधुमधुर होने के कारण यह ‘तेलगु’, ‘तेनुगु’ नाम से प्रसिद्ध है।