ग्रीन पटाखे सेफ्टी टिप्स (सौ.सोशल मीडिया)
Green Fire Crackers Safety Tips: दीपोत्सव की शुरुआत हो गई है जहां पर 20 अक्टूबर को दीवाली का पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर माता लक्ष्मी और श्रीगणेश की पूजा करने का महत्व होता है। वहीं पर इसके अलावा दीवाली का जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़े जाते है। पटाखे फोड़ने से जमकर प्रदूषण होता है इसके लिए बचाव करना जरूरी होता है। इस जश्न को बरकरार रखने के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने पर जोर दिया जाता है।
कहा जाता है कि, ग्रीन पटाखे फोड़ने से प्रदूषण कम होता है।ग्रीन पटाखे भी पूरी तरह से पॉल्यूशन फ्री नहीं होते, सिर्फ उनसे होने वाला धुआं और नुकसान थोड़ा कम होता है। इसके लिए आपको ख्याल रखने की आवश्यकता होती है।
ग्रीन पटाखे, पारंपरिक पटाखे की तुलना में कम प्रदूषण फैलाने का काम करते है। इस खास तरीके के पटाखे को CSIR-NEERI ने 2018 में बनाया था। कहा जाता है इन सुरक्षित से दिखने वाले पटाखों में हानिकारक केमिकल की मात्रा काफी कम होती है या उनकी जगह ऐसे पदार्थों का यूज किया जाता है, जो जलने पर कम धुआं और कम शोर पैदा करते हैं। इसके अलावा इन पटाखों में बेरियम नाइट्रेट, सल्फर, और पोटैशियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक केमिकल या तो नहीं होते या बहुत कम होते हैं. इनकी जगह जिओलाइट और आयरन ऑक्साइड जैसे केमिकल का यूज होता है। इन पटाखों को फोड़ने से कम प्रदूषण फैलता है। लगभग 110 से 125 डेसिबल तक पटाखे शोर करते है।
यहां पर प्रदूषण और स्वास्थ्य के बचाव के लिए ग्रीन पटाखों को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना गया है। इन पटाखों को जलाने के बाद भी धुआं, हानिकारक गैसें और छोटे-छोटे कण निकलते हैं. जब बहुत सारे लोग थोड़े समय में ये पटाखे जलाते हैं तब ये थोड़े से प्रदूषण भी मिलकर बड़ी समस्या बन सकते हैं।दिल्ली जैसे शहरों में जहाँ हवा पहले से ही खराब रहती है. CPCB के एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि जो भी चीज धुआं करती है, वो इको-फ्रेंडली नहीं हो सकती, भले ही थोड़ा कम नुकसान पहुंचाए।
यहां पर दीवाली पर अगर आप ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर रहे है तो आपको इन बातों का ध्यान देना जरूरी होता है।
1-अगर आप दीवाली पर इस बार ग्रीन पटाखे जलाने वाले है तो, खरीदने के दौरान जरूर देंखे यह असली है या नकली। इसकी असल पहचान के लिए ग्रीन पटाखों पर QR कोड होना जरूरी है, जिसे स्कैन कर के यह देखा जा सकता है कि पटाखा असली है या नकली है. नकली ग्रीन पटाखे भी बिक सकते हैं। इस पटाखे को जलाने के बाद कम केमिकल फैलेगा।
2- दिवाली के मौके पर पटाखे फोड़ने का तय समय होता है। इस समय में सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़े जाते है। अगर आप इस नियम का पालन करते है तो प्रदूषण का खतरा कम होता है।
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3-पटाखे जलाने से पहले हमें घर में किसी बीमार, बुजुर्ग और बच्चों का ख्याल रखना चाहिए। इनकी सेहत को खतरा हो सकता है। घर के अंदर ही रहें, एयर प्यूरीफायर का यूज करें या N95 मास्क पहनें।
4-दीवाली के मौके पर बहुत ज्यादा पटाखे जलाने से बचें।बंद जगह या भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखे जलाने से नुकसान ज्यादा होता है।खुले मैदान, पार्क या सोसाइटी के खुले क्षेत्र में दूरी बनाकर ही पटाखे जलाएं।