कोरोना से छोटे बच्चों को खतरा (सौ.सोशल मीडिया)
दुनियाभर में इन दिनों कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स JN.1 की एंट्री हुई है जो ओमिक्रॉन समूह का म्यूटेंट है। नए वैरिएंट्स के कई मामले सिंगापुर और चीन जैसे देशों में ज्यादा देखने के लिए मिल रहे है तो भारत में भी इस वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। कोरोना का यह नया वैरिएंट्स कई लोगों को प्रभावित कर रहा है जिसमें बच्चे भी शामिल है। कोरोना के इन नए वैरिएंट का छोटे बच्चों की सेहत पर किस तरह से असर पड़ रहा है इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट ने जानकारी दी है।
कोरोना के नए वेरिएंट्स JN.1 का असर सबसे ज्यादा बच्चों की सेहत पर हो सकता है। कहते हैं कि, इस वेरिएंट्स का असर सबसे अधिक संक्रामक होता है। जहां पर अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के ही रहते हैं। कुछ बच्चों में बुखार, आंखों में जलन या कंजंक्टिवाइटिस और पेट से संबंधित समस्याएं देखी गई हैं।कुछ मामलों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रन (MIS-C) जैसी गंभीर स्थिति विकसित हो सकती है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन हो जाती है। इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि, कई मामलों में इनके लक्षण हल्के होते है जो कम प्रभावी होता है।
आपको बताते चलें कि, कोरोना के इस “लॉन्ग कोविड” के खतरे में कई लक्षण शामिल होते है जो लंबे समय तक पीड़ित के शरीर में बने रहते है। इस कोरोना की स्थिति में थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, सिरदर्द, और मूड में बदलाव जैसे लक्षण देखे गए हैं। इसलिए बच्चों में सावधानी बार अपना बहुत ही जरूरी है क्योंकि मानसिक तनाव भी होता है और बच्चों में बहुत जल्द ही डर पैदा होती है। यह सबसे खतरनाक कोरोना के मामले में एक होता है।
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कोरोना के नए वैरिएंट्स का खतरा बच्चों की सेहत पर होता है। इसकी सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी सावधानियाँ अपनाना बेहद ज़रूरी है।
1- सबसे पहले, उन्हें हाथ धोने, मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसी अच्छी आदतें सिखाएं ताकि संक्रमण से बचाव हो सके।
2- साथ ही योग्य आयु वर्ग के बच्चों का समय पर टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों और संक्रमणों से बचाया जा सके।
3- इसके अलावा, बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहे इसके लिए उन्हें संतुलित आहार देना, पर्याप्त नींद सुनिश्चित करना और रोज़ाना थोड़ा बहुत व्यायाम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
4- यह न केवल उन्हें तंदुरुस्त रखेगा, बल्कि मानसिक रूप से भी सक्रिय बनाए रखेगा।
5- यदि बच्चे में बुखार, थकान, खांसी या किसी भी तरह के असामान्य लक्षण दिखाई दें तो लापरवाही न करें, तुरंत योग्य चिकित्सा सलाह लें।
इन आसान लेकिन ज़रूरी उपायों से हम अपने बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।