नवतेजस्विनी महाराष्ट्र महिला उद्योग विकास प्रकल्प। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र शासन की महिला व बाल विकास विभागांतर्गत आने वाले महिला आर्थिक विकास महामंडल के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वर्ण महोत्सव वर्ष के तहत नवतेजस्विनी महाराष्ट्र महिला उद्योग विकास प्रकल्प अंतर्गत स्वयंसहाय बचत गट की महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं की जिला स्तरीय भव्य प्रदर्शन व बिक्री 21 से 23 मार्च के बीच बूटीबोरी के माविम घर के भव्य प्रांगण में आयोजित की गई थी। इस प्रदर्शन व बिक्री का समापन कार्यक्रम रविवार को हुआ। ज्ञात हो कि बूटीबोरी में पहली बार इस प्रकार की प्रदर्शनी आयोजित की गई। बचत गट की महिलाओं द्वारा उत्पादित उत्पादनों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से इसका आयोजन किया गया था।
उक्त प्रदर्शनी में 25,000 से 30,000 बचत गट की महिलाओं ने तथा बूटीबोरी के युवक, युवती और स्थानीय नागरिकों द्वारा जबरदस्त प्रतिसाद मिला। 80 बचत गट की महिलाओं ने अलग-अलग स्टॉलों में मिट्टी के बर्तन, कपड़े, हैंडमेड ज्वेलरी, खाद्य पदार्थ आदि महिलाओं द्वारा उत्पादित तथा अन्य वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई। इस मौके पर महिला आर्थिक विकास महामंडल जिला कार्यालय, नागपुर के वरिष्ठ जिला समन्वय अधिकारी ललिता दारोकर के नेतृत्व में प्रदर्शनी का समापन हुआ।
3 दिवसीय आयोजन के सफलतार्थ कार्य करने वाले सभी सहयोगियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। एकांत वरघणे, चंद्रशेखर लांडे, प्रतिभा फाटे, मेघा कश्यप, नेहा वड्यालकर, रजत राबडे, रितेश, नौशाद अन्सारी सीओई को-ऑर्डिनेटर, संपूर्ण लोकसंचालित साधन केंद्र का स्टाफ तथा सभी स्टॉल उद्योजक महिला बचत गट के सहभाग से व अथक परिश्रम से प्रदर्शनी सफल हुई। अंत में प्रतिभा फाटे, सहायक संनियंत्रण अधिकारी ने सभी का आभार माना।
उसी प्रकार महिलाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए रोज अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे लावणी, बॉलीवुड गानों पर डांस, एकल नृत्य, गेम्स लिए गए। उसी प्रकार बचत गट की महिलाएं, आम नागरिक, बूटीबोरी के निवासी, विविध उद्योजक, कार्यरत कामगार ऐसे करीब 50,000 से 75,000 ग्रामीण नागरिकों ने इस प्रदर्शनी को प्रत्यक्ष रूप से भेंट देकर खाद्य पदार्थों का स्वाद भी लिया। इसके चलते प्रति स्टॉल रोजाना 5,000 से 10,000 रुपये की बिक्री होने से प्रत्येक बचत गट की महिलाओं के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। इस प्रकार कुल 3 दिनों में प्रदर्शनी के माध्यम से कुल 15 से 20 लाख रुपये का व्यवसाय होने की जानकारी आयोजकों द्वारा दी गई। इस 3 दिवसीय प्रदर्शनी में सहभागी महिलाओं को प्रमाण पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
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शहर में खाद्य सुरक्षा और हल्दी के लिए बाजार संपर्क पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के अध्यक्ष पल्ले गंगाधर रेड्डी द्वारा किया गया। स्पाइसेस बोर्ड इंडिया की सचिव पी. हेमलता, एन. भवानी, भारतीय वन सेवा अधिकारी किशोर मानकर, कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ. पंचभाई, डॉ. मनीष मोंघे, वैज्ञानिक-सी, स्पाइसेस पार्क के डॉ. भारत गुडदे प्रमुख रूप से उपस्थित थे। पल्ले रेड्डी ने बाजार विकास और गुणवत्ता वृद्धि में बोर्ड की नीति भूमिका पर मार्गदर्शन किया।
अपने भाषण में उन्होंने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम सत्र में हल्दी की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर डॉ. पंचभाई ने मार्गदर्शन किया। दूसरे सत्र में डॉ. मनीष मोंघे ने हल्दी के व्यवस्थापन पर जानकारी दी। डॉ. ममता धनकुटे ने हल्दी उत्पादन में सुधार, गुणवत्ता वृद्धि और निर्यात बढ़ाने के लिए स्पाइसेस बोर्ड के नीतिगत हस्तक्षेप पर एक उपयोगी सत्र का संचालन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ और नागरिक शामिल हुए।