सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
श्रीनगर: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के तनातनी का दौर चल रहा है। इस बीच पाकिस्तानी सेना कई बार एलओसी यानी भारतीय सीमा पर गोलीबारी कर चुकी है। अब तक लग रहा था कि यह गोलीबारी साधारण है। लेकिन, अब इसके पीछे के नापाक इरादे जाहिर हो गए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों को लॉन्च पैड से हटाकर सेना के ठिकानों पर भेजा जा रहा है। पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों से कहा है कि वे या तो सेना के ठिकानों या फिर बंकरों में चले जाएं। पीओके में सभी लॉन्च पैड खाली करने को कहा गया है। ये जगजाहिर है कि पीओके में स्थित लॉन्च पैड से ही गाइड के जरिए आतंकी जम्मू-कश्मीर की सीमा में दाखिल होते हैं।
हाल ही में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ लॉन्च पैड की पहचान की थी, जहां से आतंकियों को भेजा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि केल, सरदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा, पचीबन, फॉरवर्ड कहुटा, कोटली, खुईरट्टा, मंधार, निकेल, चमनकोट और जानकोट में कुछ लॉन्च पैड हैं, जहां आतंकी हमेशा मौजूद रहते हैं।
सीमा पर तनाव के बीच कश्मीर में एलओसी के पास रहने वाले लोगों ने भी अपनी सुरक्षा के इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। मसलन, कुछ सालों तक सामान्य स्थिति और शांति रहने के बाद एलओसी के पास रहने वाले लोगों के लिए तनाव और अनिश्चितता फिर से लौट आई है। पीओके में सैन्य कार्रवाई की आशंका से स्थानीय लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
पहलगाम हमले के बाद गोलीबारी की घटनाएं फिर से आम हो जाने से नियंत्रण रेखा, कुपवाड़ा के केरन, माछिल, तंगधार इलाकों में रहने वाले लोगों में डर का माहौल है। वहीं सीमा पर सीजफायर उल्लंघन के पीछे कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी आर्मी आतंकियों की आवाजाही से ध्यान भटकाने के लिए कर रही है।
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पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है और पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से ये उल्लंघन आम हो गए हैं। अप्रैल 2025 तक दर्ज की गई घटनाओं को एलओसी के साथ जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में पाकिस्तान की ओर से उकसावे के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय सेना ने हर घटना का तेजी से और प्रभावी तरीके से जवाब दिया है, जिसका नागरिकों पर कम से कम असर हुआ है।