जम्मू में भारी बारिश के बाद उफान पर आई तवी नदी, फोटो- सोशल मीडिया
Jaammu and Kashmir Landslide: इस मूसलाधार बारिश ने पूरे क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है, खासकर वैष्णो देवी के रास्ते पर। वहां हुए भूस्खलन में अब तक 34 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। ये श्रद्धालु देश के विभिन्न राज्यों से दर्शन के लिए आए थे।
पूरे जम्मू कश्मीर में इस प्राकृतिक आपदा में कुल 41 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जिनमें से अधिकांश मौतें अर्धकुमारी क्षेत्र में भूस्खलन की वजह से हुई हैं। इसके अलावा, कई लोग घायल हुए हैं और कुछ अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार और बुधवार के बीच जम्मू में करीब 296 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जो पिछले सदी भर में सबसे अधिक है। इस अत्यधिक बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। हादसे के बाद से राज्यभर में राहत और बचाव कार्य जोरों पर हैं, और मौसम में थोड़ी राहत मिलने के साथ ही इन प्रयासों में तेजी आई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नॉर्दन रेलवे ने इस मार्ग पर चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, और कुछ के रास्तों में बदलाव भी किया गया है। हालांकि, कटरा से श्रीनगर के बीच की ट्रेन सेवा अभी भी चालू है। ट्रेनों के रद्द होने से सैकड़ों श्रद्धालु फंसे हुए हैं, जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों से यात्रा पर आए थे। इससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है।
राज्य के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी इस आपदा की पूरी जानकारी दी। वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थानीय विधायकों से मुलाकात कर हालात की समीक्षा की और पीड़ितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इस कठिन समय में केंद्र सरकार से मिले सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद भी किया।
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भारतीय वायुसेना का एक सी-130 विमान, जो राहत सामग्री लेकर आया था, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है। खराब मौसम के कारण शुरुआत में राहत कार्यों में मुश्किलें आई थीं, लेकिन अब स्थिति थोड़ी सुधरने पर बचाव कर्मी बेहतर ढंग से काम कर पा रहे हैं।