उमर अब्दुल्ला (फोटो- एएनआई)
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार यानी 5 मई को श्रीनगर स्थित सिविल सचिवालय में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी विभागों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “अगले छह महीने में जनता को हमारी मेहनत नजर आनी चाहिए।” उन्होंने प्रशासनिक मशीनरी को जनता की सेवा और जमीन पर असरदार काम के लिए कमर कसने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक काम केवल सचिवालय की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहना चाहिए। सीएम अब्दुल्ला का कहना है कि अब समय है कि हम जनता के बीच जाकर विकास कार्यों को जमीन पर उतारें। सचिवालय में बैठकर योजनाएं बनाना आसान है, लेकिन असली काम तब होगा जब उसका असर गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला दिखे।
श्रीनगर में कामकाज की औपचारिक शुरुआत के साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बजट में पास हुई योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता पर हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालिया हिंसक घटनाओं, जैसे पहलगाम हमले, के बावजूद विकास कार्यों की गति नहीं रुकनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने दोटूक कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों, जिम्मेदारियां हमारी हैं और हमें हर हाल में उन्हें निभाना है।
बैठक में बिजली, जलापूर्ति, सड़क एवं भवन, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई। सीएम ने इन विभागों को तीव्र गति से काम करने के निर्देश दिए ताकि सीमित कार्यकाल में अधिकतम विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा, “छह महीने बाद जब हम जम्मू लौटेंगे, तो हमारे पास ठोस उपलब्धियों की सूची होनी चाहिए।”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई हालिया बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी हालत में विकास और प्रशासन की प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि रेल टू कश्मीर प्रोजेक्ट की उद्घाटन तिथि जल्द घोषित होगी, जिससे अफवाहों पर विराम लगेगा और कश्मीर को सीधी रेल कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।