CM अब्दुल्ला (Image- Social Media)
श्रीनगर: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने के बाद विधानसभा को भंग करके नये सिरे से चुनाव कराया जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। श्रीनगर से 52 किलोमीटर दूर गुलमर्ग में सीएम उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने अखबार में पढ़ा है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन विधानसभा चुनाव दोबारा कराने होंगे। उनको ऐसा करने दीजिए, किसने रोका है।
पिछले साल अक्टूबर में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है। सीएम अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मुझे पता है कि यह खबर कहां से आई है। मुझे पता है कि यहां अखबार में ये खबर किसने प्रकाशित कराई।
उन्होंने कहा कि ये खबर सिर्फ विधायकों को डराने के लिए प्रकाशित की गई। राज्य का दर्जा किसी विधायक या सरकार के लिए नहीं है। ये राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए है तथा हम विधायक इसमें बाधा नहीं बनेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर विधायकों को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधानसभा भंग करने की धमकी दी जा रही है, तो ऐसा करें।
अब्दुल्ला ने कहा कि जिस दिन राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा, उसके अगले दिन हम राज्यपाल के पास जाएंगे तथा विधानसभा भंग करने की सिफारिश करेंगे। हमें डराने की कोशिश न करें, राज्य का दर्जा हमारा अधिकार है और इसे हमको वापस दें। अखबारों में खबरें छपवाना बंद करें, ये काम नहीं करेगा।
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इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यदि जल्द राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया तो पार्टी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। फारूक ने कहा कि आठ महीने हो चुके हैं, निर्वाचित सरकार काम कर रही है लेकिन प्रशासनिक अधिकारों का अभाव विकास और उम्मीदों पर असर डाल रहा है।