
अरविंद केजरीवाल व तेज प्रताप यादव (डिजाइन फोटो)
Year Ender 2025: हर एक नया साल खुशियों की सौगात लेकर आता है तो साथ में गमों का बोझ भी। इन्हीं खट्टी-मीठी यादों के साथ वर्ष 2025 अलविदा कहने को है। यह साल तमाम बड़े राजनेताओं के लिए खुशी की वजह बना, तो तकरीबन आधा दर्जन दिग्गज सियासतदानों के लिए अभिशाप भी साबित हुआ।
साल 2025 में कई नामचीन नेताओं को जनता ने अपने मताधिकार की ताकत का एहसास कराते हुए न सिर्फ कुर्सी से उतारा, बल्कि अर्श से फर्श पर ला पटका। तो चलिए जानते हैं वो कौन-कौन से दिग्गज नेता हैं, जिनकी कुर्सी 2025 में जनता ने छीन ली।
साल 2025 की शुरुआत में ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। 8 फरवरी को आए चुनाव नतीजों में दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें परवेश वर्मा ने 4 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी।
इसी चुनाव में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया को भी बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा। जंगपुरा विधानसभा सीट पर उन्हें भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने करीब 600 वोटों से हरा दिया। सिसोदिया को 38,184 वोट हासिल हुए थे, जबकि मारवाह को 38,859 वोट मिले थे।
इस फेहरिस्त में भाजपा के सांसद रहे रमेश बिधूड़ी का नाम भी शामिल है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें दिल्ली की पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी नेता आतिशी मार्लेना ने 3 हजार 500 से ज्यादा वोटों से मात दी थी। रमेश बिधूड़ी अपने आक्रामक और विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहे थे।
रमेश बिधूड़ी (सोर्स- सोशल मीडिया)
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘आप’ सरकार में मंत्री और दिग्गज नेता सौरभ भारद्वाज को भी शिकस्त मिली। वह ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट पर बीजेपी की शिखा रॉय से हार गए। जिन्होंने 3,188 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। शिखा रॉय को 49 हजार 594 वोट मिले, जबकि भारद्वाज को 46,406 वोट मिले
दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन को शकूर बस्ती सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार करनैल सिंह ने करीब 21,000 वोटों के अंतर से हरा दिया। करनैल सिंह को 56 हजार 869 वोट मिले, जबकि सत्येंद्र जैन 35 हजार 871 वोट ही हासिल कर सके थे।
हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। परिवार और पार्टी से निष्कासित होने के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी, जनशक्ति जनता दल बनाकर महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। यहां तेज प्रताप यादव 35 हजार 703 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे।
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यह उन आधा दर्जन नेताओं की फेहरिस्त है जिन्हें साल 2025 में जनता ने जनादेश की शक्ति दिखाते हुए कुर्सी से उताकर नीचे फेंक दिया। साथ ही जनता ने यह भी संदेश दिया कि सियासत में नाम से ज्यादा काम और रणनीति मायने रखती है।






