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वास्तव में पृथ्वी पर पर्यावरण को साकार बनाने में तमाम प्राणी अपना कुछ ना कुछ योगदान देते हैं। किसी पक्षी या जानवर का एक जगह से फल-फूल तोड़कर किसी दूसरी जगह पर ले जाकर उसे खाना और बीज वहीं छोड़ देना, नए पेड़ को जन्म देता है और फिर इन पेड़ों से गिरने वाले फल नए पेड़ों को जन्म देते हैं और फिर बनते हैं जंगल। ये पेड़ हजारों लोगों का पेट भरने, बारिश करने की वजह बनने के साथ-साथ सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं।
ऐसी कई श्रंखलाएं हैं, जिनकी अगर चर्चा की जाए, तो निश्चित तौर पर शब्द कम पड़ जाएँगे। हमारी पृथ्वी एक ही है और इसे लंबी उम्र देने या कम करने में भी हमारा ही योगदान रहेगा। लेकिन हम दौड़ती-भागती जिंदगी में पर्यावरण और इसके महत्व को अनदेखा कर देते हैं। हरा-भरा पर्यावरण ही हमारे जीवन और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और वन्य जीव इसे फला-फूला बनाने में अभूतपूर्व रूप से हमारी मदद करते हैं। जहाँ एक ओर मनुष्य प्रदूषण आदि की असहनीय मात्रा बढ़ाने के साथ ही लाखों-करोड़ों पेड़ों को काटने की वजह है, वहीं वन्य जीव बीजों आदि के माध्यम से पेड़ और जंगल उत्पन्न करने का सबसे अनमोल जरिया हैं।
इन जीवों की सुंदरता और उनके योगदान को देखते हुए इंसान को यह समझने की सख्त जरुरत है कि प्रकृति सिर्फ मनुष्य की नहीं है, अन्य समस्त प्राणियों की भी है। इस वर्ष ‘केवल एक पृथ्वी’ या ‘ओनली वन अर्थ’ थीम के साथ पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के विषय में जागरूकता फैलाना है।
ऐसे में देश के तमाम वन्य जीव संरक्षण, जंगल आदि में जीवन यापन कर रहे प्राणियों के जीवन और उनके रहने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू ऐप पर विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभाग और प्रख्यात हस्तियां ने पोस्ट्स शेयर किए हैं। राजस्थान टूरिज्म ने स्पॉटेड ओवलेट के बारे में कहा है: राजस्थान के बीकानेर में जोरबीड संरक्षण रिजर्व में अपने वन्यजीवों की यात्रा पर, आमतौर पर राजस्थान में पाए जाने वाले निशाचर प्राणी ‘स्पॉटेड ओवलेट’ को देखने के रोमांचक अनुभव के लिए तैयार हो जाइए। #SpottedOwlet #Wildlife #wildlifephotography #rajasthan #rajasthantourism
– Rajasthan Tourism (@my_rajasthan) 28 May 2022
उत्तराखंड टूरिज्म ने पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के जंगलों को एक्स्प्लोर करने की अपील करते हुए कू पोस्ट में कहा है: हर रोज #EarthDay मनाएँ!!#Conserve #Reuse #Recycle और आकर्षक प्रकृति का आनंद लें।
– Uttarakhand Tourism (@uttarakhand_tourismofficial) 22 Apr 2022
वाइल्डलाइफ एंथुसियास्ट और प्रेसिडेंट- गुजरात स्टेट फुटबॉल एसोसिएशन परिमल नाथवानी गिर में शावकों के चलने के दौरान दिल छू लेने वाले अनुभव को साझा करते हुए कहते हैं: वन और पर्यावरण पर स्थायी संसदीय समिति की बैठक के दौरान शाम को इस बड़े शेर के गौरव को #गिर में अपने स्थानों की ओर चलते हुए देखना एक अविश्वसनीय अनुभव था। शावक हमारे दिलों को पिघला देते हैं।
– Parimal Nathwani (@mpparimal) 10 May 2022
ब्राउन अंटेलर्ड हिरण गंभीर रूप से भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक हैं। इनके बारे में मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायर्नमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज अपने आधिकारिक हैंडल MoEF&CC से कू करते हुए कहते हैं: गंभीर रूप से #भारत की लुप्तप्राय प्रजातियाँ #OnlyOneEarth
केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री (DoNER) किशन रेड्डी गंगापुरम झारखण्ड के वन्य जीवन से रूबरू कराते हुए कहते हैं: #Jharkhand: प्रकृति का छिपा हुआ गहना! इसे ‘वनों की भूमि’ के रूप में भी जाना जाता है, यह राज्य प्रकृति और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए लगभग एक स्वर्ग है राजसी पहाड़ियों, सुंदर झरनों, समृद्ध हरियाली और रंगीन संस्कृति से धन्य, आपको इस गहरी करामाती भूमि को एक्स्प्लोर करना ही चाहिए
– Kishan Reddy Gangapuram (@kishanreddybjp) 28 May 2022
लखीमपुर खीरी जनपद स्थित दुधवा नेशनल पार्क में जानवरों की मनमोहक आवाज़ से रूबरू कराते हुए यूपी टूरिज्म ने कू करते हुए कहा है: दुधवा की धुंधली पृष्ठभूमि में आप कई जंगली जानवरों को देख सकते हैं। सुबह अपने जीवों के चहकने और म्याऊ के साथ जीवंत हो उठती है। जल्द ही इस राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा की योजना बनाएँ।
– UP Tourism (@uptourismgov) 30 May 2022