बीजेपी नेता स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में दिलचस्प नतीजा देखने को मिला। इस चुनाव में देश की जनता ने किसी भी एक पार्टी पर अपना पूरा भरोसा नहीं जताया है। हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की है। वहीं बीजेपी के खाते से जमा की हुई पूंजी भी डूब गई। जिसका नतीजा ये रहा कि बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद मिला तो जरुर लेकिन एनडीए गठबंधन की मदद लेनी पड़ी।
इस बार भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ भी बना ली है। जिसकी मदद से उन्होंने एक नहीं बल्कि अपने दोनों सीटों पर जीत हासिल की है। रायबरेली और वायनाड सीट पर जीत के बाद राहुल ने अपनी मां की सीट रायबरेली पर बने रहने का फैसला लिया। जिसके बाद वायनाड के लिए एक बार फिर रेस शुरु हो गई है। उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर नाम फाइनल कर लिया गया है। वहीं बीजेपी की लिस्ट में स्मृति ईरानी के नाम पर चर्चा तेज है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कल शाम घोषणा की है कि प्रियंका गांधी को वायनाड सीट से उपचुनाव के लिए उतारा जाएगा। हालांकि इस आम चुनाव में स्मृति ईरानी को अमेठी सीट से जीत हाथ नहीं लगी। कांग्रेस के पुराने नेता और गांधी परिवार के खास के.एल शर्मा ने उन्हें लगभग 1 लाख 68 वोटों से हरा दिया। लेकिन इससे पहले बीजेपी की फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के लाडले राहुल गांधी को खदेड़ा था। जिसका नतीजा ये रहा कि राहुल गांधी इस चुनाव में अमेठी को त्याग दिए। उन्होंने इस बार वायनाड और रायबरेली के लोगों पर भरोसा जिताया। जहां उन्हें जीत भी मिली।
अमेठी सीट हमेशा से गांधी परिवार का गढ़ रहा है। वहां की जनता ने संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी को भी मौका दिया था। हालांकि राहुल गांधी ने 2019 चुनाव में यह मौका खो दिया। 2014 में मिली हार के बाद भी बीजेपी नेता स्मृति ईरानी मैदान में डटी रहीं। जिसके बाद वहां कि जनता ने उन्हें अपना सरकार चुन लिया। हालांकि 2024 चुनाव में ईरानी को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। चर्चा है कि भाई के बाद अब ईरानी उनकी बहन प्रियंका गांधी को टक्कर देने वायनाड आ सकती हैं। हालांकि इस बात को लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।