
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले पर पार्टी नेताओं के बयानों से खुद को अलग कर लिया है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, कांग्रेस नेता आरबी तिम्मापुर, विजय वडेट्टीवार, मणिशंकर अय्यर, तारिक हमीद कर्रा, सैफुद्दीन सोज और रॉबर्ट वाड्रा द्वारा दिए गए बयानों के कारण कांग्रेस को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा, ‘पार्टी नेताओं के बयान उनकी निजी राय हैं। यह कांग्रेस पार्टी की लाइन नहीं है। मैं यह बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि इन नेताओं को इस तरह बोलने का अधिकार किसी ने नहीं दिया है।’
उन्होंने कहा- ऐसे संवेदनशील समय में हमारा प्रस्ताव, खड़गे जी और राहुल जी ने सर्वदलीय बैठक में जो कहा और जो भी एआईसीसी पदाधिकारी कहेंगे, वह मान्य होगा। लोग इधर-उधर बोलते रहते हैं, उन्हें नहीं बोलना चाहिए। संवेदनशील समय में नेताओं को बोलने की कोई जरूरत नहीं है।
#WATCH | Delhi: On the statements of various Congress leaders regarding #PahalgamTerroristAttack, Congress MP Jairam Ramesh says “…It is right that some leaders of the Congress party are saying several things, but this is their personal opinion. I want to make it clear that no… pic.twitter.com/I0T6iS3fW9 — ANI (@ANI) April 28, 2025
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि आतंकवादियों ने लोगों के पहचान पत्र देखकर उनकी हत्या की। क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। जब तक देश एकजुट और धर्मनिरपेक्ष नहीं होगा, दुश्मन हमारी कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे।
सिद्धारमैया बोले पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कल कहा, ‘कड़े सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
आरबी तिम्मापुर ने कहा मुझे लगता है कि जब वे आतंकवादी हमला कर रहे थे, तो उन्होंने धर्म के बारे में नहीं पूछा। अगर उन्होंने पूछा भी था, तो धर्म के आधार पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करने का पागलपन नहीं होना चाहिए।
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि लोग पहलगाम हमले को लेकर तरह-तरह की धारणाएं बना रहे हैं। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। क्या किसी के पास आपके कान में यह पूछने की फुर्सत है कि आपका धर्म हिंदू है या मुसलमान? बाहर से आए हमलावर 27 लोगों को मार कर चले गए। धर्म के बारे में कोई पूछे या न पूछे, यह तो साफ है कि उनका उद्देश्य देश में अशांति फैलाना, दो समुदायों के बीच हिंसा भड़काना और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाना था।
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मणिशंकर अय्यर बोले आज तक हम उस बंटवारे के परिणामों के साथ जी रहे हैं। क्या बंटवारे के अनसुलझे सवाल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी को दर्शाते हैं? बंटवारे को रोकने के प्रयासों के बावजूद, यह अंततः गांधी, नेहरू, जिन्ना और अन्य नेताओं से असहमत कई मुसलमानों के बीच भारत की पहचान और विरासत को लेकर मूल्यों का मतभेद था।
तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए।
सैफुद्दीन सोज ने कहा कि सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धों से बची हुई है। यह जल संधि पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा है। यदि पाकिस्तान यह रुख अपनाता है कि पहलगाम हमले में उसका कोई हाथ नहीं है, तो हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए।
इन्हीं बयानों को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि विपक्षी पार्टी के कुछ लोग पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा- कांग्रेस सरकार के सभी फैसलों के साथ है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने झूठे और अपमानजनक बयान दिए हैं।






