
बांग्लादेश-भारत तनाव के बीट त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन (फोटो- सोशल मीडिया)
Tripura Protest Against Bangladesh: बांग्लादेश में चल रहे भारत विरोधी एजेंडे की आग अब भारतीय सीमा तक पहुंच गई है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में शुक्रवार को माहौल गरमा गया जब टिपरा मोथा पार्टी की युवा शाखा ने बांग्लादेशी नेताओं के बयानों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पड़ोसी मुल्क में जारी हिंसा और पूर्वोत्तर भारत को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों ने भारतीय नागरिकों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के बाहर हुए इस प्रदर्शन ने साफ कर दिया है कि भारत अपनी संप्रभुता पर कोई आंच बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस पूरे विवाद की जड़ बांग्लादेश के कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत और उसके बाद उपजे हालात हैं। ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान हादी को गोली मारी गई थी, जिसके बाद सिंगापुर में उनकी मौत हो गई। इसके बाद वहां के नेताओं ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। हद तो तब हो गई जब एक रैली में पूर्वोत्तर के सात राज्यों को भारत से अलग करने की धमकी दी गई। इस उकसावे के जवाब में अगरतला में युवा टिपरा महासंघ ने मोर्चा खोला है। संगठन ने पड़ोसी देश को 1971 के युद्ध की याद दिलाते हुए सख्त चेतावनी दी है।
#WATCH | Agartala, Tripura: Members of the Youth TIPRA Federation (YTF), a wing of the TMP (Tipra Motha Party), staged a protest outside the Bangladesh Assistant High Commission in Agartala YTF president Suraj Debbarma said, “We are protesting today because for the last two to… pic.twitter.com/5FUQJJiZ2x — ANI (@ANI) December 19, 2025
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने सोशल मीडिया पर इसे मिनी पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को अब जाग जाना चाहिए क्योंकि असली चुनौती सीमा पार से है। वहीं, वाईटीएफ के अध्यक्ष सूरज देबबर्मा ने कहा कि हम भारत के जिम्मेदार नागरिक हैं और अपनी जमीन की रक्षा करना हमारा धर्म है। उन्होंने बांग्लादेशी ताकतों को चेतावनी दी कि वे भारत को उकसाने की गलती न करें, जिसने उन्हें पाकिस्तानी सेना के दमन से मुक्त कराया था। प्रशासन ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
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उधर बांग्लादेश में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। उपद्रवियों ने चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग के पास नारेबाजी की और रात के अंधेरे में पत्थरबाजी जैसी कायराना हरकत को अंजाम दिया। ढाका में मीडिया दफ्तरों और शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर भी तोड़फोड़ की गई है। इधर अगरतला में एसपी नमित पाठक ने बताया कि पिछले साल जैसी किसी भी घटना को रोकने के लिए टीएसआर और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है। भारत के लोग शांति चाहते हैं, लेकिन देश के सम्मान और सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं हैं।






