
बाहुबली धनंजय और अभय के बीच जारी जुबानी जंग पर बोले बृजभूषण सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
Brij Bhushan Sharan Singh Remark on Dhananjay Singh vs Abhay Singh: उत्तर प्रदेश की सियासत में बाहुबलियों की चर्चा हमेशा गर्म रहती है, लेकिन गोंडा के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अब एक नई बहस छेड़ दी है। धनंजय सिंह और अभय सिंह के बीच छिड़ी जुबानी जंग पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए उन्होंने साफ कर दिया है कि अब पुराने दौर की वापसी नहीं होगी। अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर बृजभूषण सिंह ने न केवल इन नेताओं को नसीहत दी, बल्कि सपा मुखिया अखिलेश यादव की तारीफ में भी कसीदे पढ़ गए।
गोंडा स्थित अपने आवास विष्णोहरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद ने स्पष्ट कहा कि आज न कोई गैंग है और न ही कोई गैंगवार। 80 और 90 के दशक का वह दौर अब खत्म हो चुका है। सोशल मीडिया पर चल रही लड़ाई को उन्होंने पूरी तरह अनावश्यक बताया। उन्होंने नेताओं को सलाह दी कि वे खुद को बड़ा या छोटा साबित करने में ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाएं, क्योंकि कौन कितना ताकतवर है, इसका असली फैसला तो भविष्य ही करेगा।
सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बयान अखिलेश यादव को लेकर आया। बृजभूषण ने अखिलेश के खुद को क्षत्रिय बताने वाले दावे का खुला समर्थन किया। उन्होंने तर्क दिया कि यदुवंशी भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं और वे क्षत्रिय ही हैं। उनका कहना था कि क्षत्रिय केवल जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से भी होता है और अखिलेश तो भगवान कृष्ण का मंदिर भी बनवा रहे हैं। इसके साथ ही बहराइच में संतों को पुलिस सलामी देने पर उठे विवाद को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि संत समाज के वैज्ञानिक और मार्गदर्शक हैं, उनका सम्मान होना ही चाहिए।
यह भी पढ़ें: ‘हराम में भी राम…’ संसद में AAP नेता के बयान पर भड़की भाजपा, आधी रात को सदन में भारी बवाल
इन सियासी चर्चाओं के बीच बृजभूषण शरण सिंह 1 जनवरी से शुरू होने वाली सतगुरु रितेश्वर महाराज की भव्य कथा की तैयारियों में जुटे हैं। युवा उत्थान, राष्ट्र उत्थान विषय पर होने वाले इस आयोजन का मकसद युवाओं को सनातन धर्म और राष्ट्र के प्रति जागरूक करना है। इस दौरान उन्हें एक कीमती घोड़ा भी उपहार में मिला है, जिसे लेकर उन्होंने बताया कि यह करण के एक मित्र ने उन्हें भेंट किया है। फिलहाल वे राजनीति से इतर इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में व्यस्त हैं।






