बीजू पटनायक जन्मदिन विशेष
नई दिल्ली : दोस्तों, आज ही के दिन यानी 5 मार्च को ओडिशा में एक नन्हें और प्रखर बालक ने जन्म लिया था, जो बाद में भारतीय राजनीति में एक असाधारण और शारीरिक रूप से सबसे लंबा और दबंग नेता बना। जी हां दोस्तों, उड़ीसा के गंजम जिले में 5 मार्च 1916 को जन्मे बीजू पटनायक ने राजनीति में क्रांति लाने के साथ-साथ अंग्रेजों के भी छक्के भी छुड़ाते हुए दांत खट्टे कर दिए थे। पूरा देश आज प्रवाद पुरुष स्व. बीजू पटनायक की 109वीं जन्म जयंती मना रहा है।
जानकारी दें कि, बिजयानंद पटनायक को आमतौर पर हम सभी बीजू पटनायक के नाम से जानते हैं। वे एक वीर और साहसी व्यक्तित्व थे और उन्होंने अपनी मेहनत से ही अपना नाम और शोहरत हासिल की थी। वहीं वे एक कुशल राजनेता होने के अलावा, एक सफल एयरोनॉटिकल इंजीनियर, नाविक, उद्योगपति, एक बेहतरीन पायलट, लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी और सबसे बढ़कर एक प्रसिद्ध और उत्कृष्ट के साथ दिलदार व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे नेपोलियन को अपना आदर्श मानते थे और इसलिए वे उनके पदचिन्हों पर ही शुरु से चले थे।
दोस्तों, जानकारी दें बीजू पटनायक का जन्म 5 मार्च, 1916 को कटक, ओडिशा में हुआ था। वे स्वर्गीय श्री लक्ष्मीनारायण पटनायक और स्वर्गीय श्रीमती आशालता देवी के पहले पुत्र थे। वहीं उनके पिता एक उल्लेखनीय राष्ट्रवादी और उड़िया आंदोलन के एक प्रमुख सदस्य थे। उनके दो भाई और एक बहन भी थीं। बीजू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक के मिशन प्राइमरी स्कूल और मिशन क्राइस्ट कॉलेजिएट में पूरी की। वहीं फिर साल 1927 में, वे रेवेनशॉ विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए पहुंचे, जहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी कभी पढ़ाई कीी थी। अपने कॉलेज के दिनों से ही वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे थे और विश्वविद्यालय की फुटबॉल, हॉकी, एथलेटिक्स और क्रिकेट टीम का नेतृत्व भी वे किया करते थे।
जानकारी दें कि, ओडिशा के दो बार मुख्यमंत्री रहे बिजयानंद पटनायक उर्फ बीजू पटनायक को दूसरे विश्वयुद्ध और 1948 में कश्मीर युद्ध के दौरान बतौर पायलट किए गए साहसी कार्यों के लिए भी खुब याद किया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि, अगर खुद पायलट बीजू पटनायक ने भारतीय सेना की टुकड़ी को श्रीनगर में नहीं उतारते तो आज जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में रहता। वहीं बतौर कारोबारी बीजू पटनायक ने भारत की सबसे पहली एयरलाइन कंपनियों में एक कलिंगा एयरलाइंस की भी शुरुआत की थी। कलिंगा एयरलाइंस बहुत ही मुनाफे ने साथ चल रही थी। इसी बीच, 1953 में भारत सरकार ने बीजू पटनायक से कलिंगा एयरलाइंस खरीदकर उसे इंडियन एयरलाइंस बना दिया था।
वहीं अगर राजनीती की बात करें तो, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब भी बीजू पटनायक को कोई भी जिम्मेदारी दी तो उन्होंने उसे हमेशा पूरा किया। कहा जाता है कि, बीजू पटनायक महात्मा गांधी से बहुत ही प्रेरित थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और 1943 में दो साल के लिए जेल भेज दिया गया था।
उन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता प्राप्ति में सक्रिय रूप से भाग लिया था। 1946 में बीजू ओडिशा कांग्रेस के लिए चुने गए। वहीं बीजू जनता दल के नेता और उत्तर कटक विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने गए। 1961 से 1963 तक वे ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे थे । वे लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के सक्रीय सदस्य भी रहे थे। उनका हार्ट और सांस से जुड़ी बीमारी के चलते 17 अप्रैल 1997 को निधन हुआ था।