
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, फोटो- सोशल मीडिया
Kalyan Banerjee Statement: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चर्चा के दौरान बीजेपी नेताओं के हस्तक्षेप पर तीखी प्रतिक्रिया दी, और विवादित बयान देते हुए उन्हें खुली चुनौती दे डाली। सांसद बनर्जी के बोल लोकसभा में अचानक तब बिगड़ गए जब वो एसआईआर जैसे मुद्दों पर बात कर रहे थे और अचानक उनको टोक दिया गया।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चर्चा के दौरान बीजेपी नेताओं के टोकने पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आप चिंता मत कीजिए बंगाल तो हम ले ही लेंगे।” बीजेपी नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने गुस्से में कहा, “ऐसा फेकेंगे कि बिहार छोड़ के आप यूपी में जा गिरेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भले ही उनकी बात अच्छी न लगे, लेकिन वे जो बोल रहे हैं वह ठीक ही होगा। उन्होंने मनरेगा जैसी चीजों के नाम बदलने को लेकर भी आलोचना की और कहा कि ये लोग जब भी आते हैं कुछ न कुछ कहते हैं।
कल्याण बनर्जी ने स्पष्ट किया कि चुनावी सुधारों को लेकर उनका अनुरोध देश के भविष्य के लिए जरूरी है, यह उनके लिए नहीं है क्योंकि उनका जीवन तो लगभग खत्म होने को है। उन्होंने कहा कि हमें देश की स्थिति पर गौर करने की जरूरत है। बनर्जी ने टिप्पणी की कि देश की ऐसी स्थिति हो गई है कि अब लोगों का अंतिम रूप से विश्वास केवल न्यायपालिका पर ही बचा है। उन्होंने महिलाओं पर अत्याचार और पॉक्सो अधिनियम जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया और न्यायाधीशों की उपलब्धता पर सवाल उठाए, हालांकि उन्होंने कहा कि यह उनके दायरे में नहीं आता है।
टीएमसी सांसद ने मतदाताओं के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया को लेकर बात कही। उन्होंने सवाल किया कि जिस मतदाता का नाम 2024 की मतदाता सूची में था, उसे यह क्यों कहा जाए कि वह अब मतदाता नहीं है, क्योंकि उसका नाम 2002 की सूची में नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाताओं के नाम हटाना निश्चित तौर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करेगा।
बनर्जी ने आगे सवाल किया कि क्या अब प्रधानमंत्री मोदी भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के माध्यम से यह तय करेंगे कि कौन मतदाता होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और ईसीआई की कार्रवाई की वैधता पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा।
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बनर्जी ने बूथ लेवल ऑफिसर की मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 20 लोगों की मौत हो गई, 19 की जान चली गई, पांच गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और तीन ने आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्होंने तीखा सवाल पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा – क्या चुनाव आयोग? उन्होंने यह भी बताया कि ये घटनाएं सिर्फ बंगाल तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं।






