तिहाड़ जेल, फोटो: सोशल मीडिया
18 Jail Officers Transferred from Tihar Delhi: तिहाड़ जेल को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जेल प्रशासन की ओर से बड़े पैमाने पर ट्रांसफर किए गए हैं। ये फैसला जेल के अंदर बढ़ती अव्यवस्था और सुरक्षा चिंताओं के चलते लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये ट्रांसफर जेलों में अनुशासन बनाए रखने और कैदियों तथा कुछ जेलकर्मियों के बीच संदिग्ध सांठगांठ को तोड़ने की रणनीति का हिस्सा है। तिहाड़ जेल, जो देश की सबसे बड़ी और संवेदनशील जेलों में से एक मानी जाती है, हाल के महीनों में बार-बार विवादों में रही है। कैदियों के पास मोबाइल फोन, ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिलना आम बात हो गई है, और कई बार जेल के अंदर से ही गैंगस्टरों द्वारा अपराध संचालित किए जाने के मामले भी सामने आ चुके हैं।
इस बार जिन अधिकारियों का तबादला हुआ है, उनमें जेल नंबर-2, 3, 5 और 8 के अधिकारी प्रमुख रूप से शामिल हैं। उदाहरण के लिए, जेल नंबर-2 के अधीक्षक ओम प्रकाश निमोरिया को मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, प्रमोद कुमार गुप्ता को मुख्यालय से जेल नंबर-3 की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और जेल नंबर-3 में तैनात पवन कुमार को जेल नंबर-2 भेजा गया है।
इसके अलावा, तीन सहायक अधीक्षक (असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट) और तीन वार्डन का भी तबादला किया गया है। जेल नंबर-8, जहां हाल ही में 9 अधिकारियों को कैदियों से मिलीभगत के आरोप में निलंबित किया गया था, वहां तैनात छह अन्य अधिकारियों को भी अन्य स्थानों पर भेज दिया गया है।
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एक और अहम बदलाव के तहत, जेल नंबर-5 के एक वार्डन को लामपुर डिटेंशन सेंटर भेजा गया है। वहीं, मुख्यालय के सात कर्मचारियों में से पांच को जेल नंबर-8 और दो को जेल नंबर-5 में तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार, पिछले तीन महीनों में तिहाड़ में 100 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर हो चुका है।
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आपको बता दें कि तिहाड़ में लगातार मोबाइल, नशीले पदार्थ और कई प्रतिबंधित सामान कैदियों के पास से मिले हैं। साथ ही जेल के अंदर गैंगस्टर्स के हत्या और रंगदारी जैसे अपराधों का संचालन होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। आधिकारिक तौर पर इन बदलावों को “रूटीन प्रक्रिया” कहा जा रहा है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इन फैसलों के पीछे जेलकर्मियों की कैदियों से मिलीभगत की बढ़ती घटनाएं ही प्रमुख कारण हैं।